'पाकिस्तान का कोई एफ-16 विमान नहीं गिराया गया है. इस हमले में पाकिस्तान की तरफ से चीनी मूल के जेएफ-17 विमानों का इस्तेमाल किया गया. पाकिस्तान ने तो एफ-16 विमानों का इस्तेमाल ही नहीं किया है. इंडियन एयर फोर्स के दो जहाज एक बार फिर लाइन ऑफ कंट्रोल पार करके पाकिस्तानी इलाके में घुस आए. पाकिस्तानी एयर फोर्स इस किस्म के हमले के लिए तैयार थी. पाकिस्तानी एयर फोर्स ने इसे टेकऑन किया.भारतीय एयर फोर्स और पाकिस्तानी एयर फोर्स के बीच एंगेजमेंट हुई. भारत के दोनों एयरक्राफ्ट मार गिराए गए. इसमें से एक का मलबा भारत की तरफ गिरा और दूसरे विमान का मलबा पाकिस्तान की तरफ गिरा.'इस बयान से ये साफ जाहिर हो रहा है कि पाकिस्तान कल तक ये मानने को तैयार नहीं था कि उसका कोई विमान मार गिराया गया है. मगर आज पाकिस्तानी सेना उस विमान के मलबे के पास दिखाई दी, जिसे कल भारतीय एयर फोर्स ने मार गिराया था. इससे पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब हो गया. क्या हुआ उस वक्त? भारत और पाकिस्तान के बीच 27 फरवरी की सुबह टकराव हुआ था. ये टकराव जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में हुआ. ये इलाका पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा के नजदीक है. सूत्रों के मुताबिक ये टकराव तब शुरू हुआ जब पाकिस्तान एयर फोर्स के 10 एयरक्राफ्ट नियंत्रण रेखा के पास दिखाई दिए. उनकी हरकत ऐसी थी कि वे भारत के सैन्य ठिकानों की ओर बढ़ते नजर आए. इस पर भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई का क्विक डिसीजन लिया गया. भारत ने 2 मिग-21 फाइटर जेट और सुखोई 30 लड़ाकू विमानों से लैस कॉम्बैट एयर लॉन्च किए गए. इनको निगरानी के लिए भेजा गया. मिग-21 लेकर गए अभिनंदन ने पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ कर रहे एफ-16 विमान का पीछा किया. और पाकिस्तानी जेट एफ-16 पर एक कम दूरी की मिसाइल आर-73 दाग दी. इससे पाकिस्तानी विमान ध्वस्त हो गया. और वो जलता हुआ नीचे जा गिरा. मिग-21 ने ही पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराया. इसे साफ-साफ भारतीय सीमा के अंदर से भी देखा गया. मगर पाकिस्तान इसे स्वीकार नहीं कर रहा था. उसे अपनी फजीहत का ऐसा अंदाजा नहीं था. पाकिस्तान जिस एफ-16 को लेकर अपना सीना चौड़ा करता रहा है, उसकी ऐसी गत होगी. ये पाकिस्तान ने सोचा भी नहीं होगा. क्या होता है एफ-16 विमान? एफ-16 विमान में एक इंजन होता है और पायलट दो. इसके एक पायलट वाले वेरिएंट भी आते हैं. आवाज़ की रफ्तार से डेढ़ गुना तक तेज़ उड़ सकने वाले इस फाइटर जेट को 70 के दशक में अमरीका की वायुसेना के लिए बनाया गया था. बाद में दुनिया की दूसरी वायुसेनाओं ने भी इसे खरीदा. इसे जनरल डायनैमिक्स नाम की कंपनी ने बनाया था. बाद में जनरल डायनैमिक्स ने फाइटर एयरक्राफ्ट वाला कारोबार लॉकहीड मार्टिन को बेच दिया. अब इसे लॉकहीड मार्टिन ही बनाती है. इसे एक एयर सुपीरियॉरिटी फाइटर जेट के तौर पर बनाया गया था. माने दुश्मन वायुसेना से हवा में लड़ना. लेकिन वक्त के साथ इसमें बदलाव हुए और ये एक मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट बन गया. माने एक साथ कई चीज़ें कर सकने वाला फाइटर जेट. अपनी तमाम खूबियों के बावजूद एफ-16 काफी हल्का होता है. इसकी तकनीक और एयरोडायनॉमिक्स अच्छी मानी जाती हैं. इसीलिए अमेरिका के अलावा 26 और देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें पाकिस्तान भी है. अमेरिका की एयरफोर्स अब इन विमानों को नहीं खरीदती है. लेकिन ये अभी भी दुनिया की दीगर वायुसेनाओं को बेचे जाते हैं. अब तक 4,500 से ज्यादा एफ-16 विमान बनाए गए हैं.
वीडियोः IAF के मिग 21 के पायलट को पाकिस्तान से वापस लाने की कवायद शुरु हो गई है। दी लल्लनटॉप शो| Episode 163