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कोरोना को लेकर यूरोप की बढ़ी चिंता, 3 गुना ज्यादा बच्चे हुए संक्रमण का शिकार

खतरे को देखते हुए स्पेन अगले हफ्ते से बच्चों को वैक्सीन लगवाना शुरू करेगा

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यूरोप में बढ़ते कोरोना संक्रमण से बच्चों को खतरा (तस्वीर: AFP)
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron) को लेकर एक ओर जहां दुनियाभर में दहशत का माहौल है, वहीं दूसरी ओर यूरोप से बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने की खबर आई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के यूरोप स्थित ऑफिस ने कहा है कि 5 से 14 साल के बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले 2-3 गुना तक बढ़ गए हैं. बच्चों में संक्रमण के मामले 2-3 गुना बढ़े मंगलवार, 7 दिसंबर को यूरोप में WHO के रीजनल डायरेक्टर डॉ हैंस क्लूज (Dr Hans Kluge) ने बताया कि यूरोप में 5 से 14 साल के बच्चों में कोविड-19 के काफी ज्यादा केस सामने आ रहे हैं. यूरोप के कई देशों में बच्चों में संक्रमण के मामले दो से तीन गुना तक बढ़ गए हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि बुजुर्गों, हेल्थकेयर वर्कर्स और कमजोर इम्युन सिस्टम वाले लोगों की तुलना में बच्चों को कम गंभीर संक्रमण का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा,
"स्कूल की छुट्टियां आते ही बच्चे माता-पिता या दादा-दादी के घर पर ज्यादा रहते हैं, जिससे बच्चों के जरिए उनमें संक्रमण फैल सकता है. साथ ही अगर उन्हें वैक्सीन नहीं लगी है, तो ऐसे लोगों को गंभीर बीमारी होना या मौत होने का खतरा 10 गुना ज्यादा बढ़ जाता है."
उन्होंने आगे कहा,
"डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) अब भी फैल रहा है और इसी बीच ओमिक्रॉन वेरिएंट के भी 21 देशों में 432 मामले आ चुके हैं. यूरोप और मध्य एशिया में डेल्टा वेरिएंट अब भी डोमिनेंट हैं. हालांकि, हम जानते हैं कि वैक्सीन संक्रमण को गंभीर स्थिति में पहुंचने और मौत को रोकने में प्रभावी है."
स्पेन में 5 से 11 साल के बच्चों को लगेगी वैक्सीन आजतक के मुताबिक बढ़ते संक्रमण के खतरे के बीच स्पेन (Spain) के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 5 से 11 साल के बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी है. यूरोप के कई देशों में पहले से ही बच्चों का टीकाकरण शुरू हो चुका है. स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 13 दिसंबर को 32 लाख डोज आएंगी और उसके बाद 15 दिसंबर से बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू किया जाएगा. भारत में बच्चों के लिए वैक्सीन का इंतजार दुनिया के 50 देशों में दस्तक दे चुके ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से बूस्टर डोज और बच्चों के वैक्सीनेशन की मांग तेज हो गई है. विशेषज्ञों की मांग है कि जल्द से जल्द उन बच्चों को वैक्सीन लगाई जानी चाहिए, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है. अगर भारत की बात करें तो यहां बच्चों की वैक्सीन आना अभी बाकी है. हालांकि, जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की जायकोव-डी (ZyCoV-D)  वैक्सीन को इमरजेंसी केस में बच्चों को लगाने की इजाजत दी गई है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि दो साल से ऊपर के बच्चों को कोवैक्सीन भी लगाई जा सकती है, लेकिन अभी तक दवा नियामक ने इसे मंजूरी नहीं दी है.

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