भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपना लगातार 8वां केंद्रीय बजट (Union Budget 2025) पेश किया. बजट यानी सरकार का वित्तीय लेखा जोखा जिससे मालूम पड़ता है कि कितना पैसा जुटाया गया, कितना खर्च किया गया और कितना उधार लेना पड़ा. वित्त मंत्री आज इन सबको लेकर बात कर रही हैं. लेकिन आज हम जानेंगे कि खुद निर्मला सीतारमण के खाते में कितनी चल अचल संपत्ति है.
देश की वित्तीय हाल का लेखा-जोखा पेश करने वाली निर्मला सीतारमण, उनका खुद का वित्तीय हाल जान लीजिए
भारत की वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman लगातार 8वां केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं. उन्होंने 2022 में राज्यसभा के नामांकन के दौरान अपनी संपत्ति की घोषणा की थी. एफिडेविट के हिसाब से उस वक्त निर्मला सीतारमण के पास 63 लाख रुपए की चल संपत्ति और 1 करोड़ 87 लाख रुपए की अचल संपत्ति थी.

65 साल की निर्मला सीतारमण राज्यसभा से सांसद हैं. उन्होंने 2022 में राज्यसभा के नामांकन के दौरान अपनी संपत्ति की घोषणा की थी. एफिडेविट के हिसाब से उस वक्त निर्मला सीतारमण के पास 63 लाख रुपये की चल संपत्ति और 1 करोड़ 87 लाख रुपये की अचल संपत्ति थी. यानी निर्मला सीतारमण की कुल संपत्ति साल 2022 में 2.5 करोड़ रुपये थी.
राज्यसभा सदस्य के तौर पर वित्त मंत्री को हर महीने सैलेरी भी मिलती है. सदस्यों की बेसिक सैलरी लगभग 1 लाख रुपये होती है. इसके अलावा बाकी भत्ता वगैरह मिलाकर ये रकम चार लाख तक पहुंच सकती है.
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लोकसभा चुनाव लड़ने के पैसे नहींनिर्मला सीतारमण का एक बयान लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान खासा चर्चा में रहा. उन्होंने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उनके पास लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं है और इस वजह से उन्होंने BJP का ऑफर ठुकरा दिया.सीतारमण ने कहा,
“चुनाव लड़ने का ऑफर मिलने पर एक हफ्ते तक सोचने के बाद मैंने मना कर दिया. मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए उस तरह का पैसा नहीं है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश हो या तमिलनाडु, जीतने के लिए कई अलग-अलग मानदंडों का इस्तेमाल किया जाता है. आप इस समुदाय से हैं या आप उस धर्म से हैं? मैंने कह दिया कि नहीं, मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसा करने में सक्षम हूं.”
चुनाव लड़ने वाले हर उम्मीदवार के लिए पैसा खर्च करने की एक लिमिट सेट की गई है. लोकसभा चुनाव के लिए ये लिमिट 95 लाख रुपये है. वहीं, विधानसभा चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार 40 लाख रुपये से ज्यादा खर्च नहीं कर सकता. ये तो हुई लिमिट की बात यानी इससे ज्यादा नहीं खर्च सकते. कम में भी काम हो जाएगा.
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