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निखिल गुप्ता पर पहली बार बोला चेक रिपब्लिक, क्यों कहा भारत का SC भी कुछ नहीं कर सकता?

अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप में निखिल गुप्ता को अरेस्ट किया गया है. इंडियन सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई चल रही है. अब इस पर चेक रिपब्लिक के कानून मंत्रालय का बयान आया है. निखिल को बीफ खिलाया जा रहा या नहीं, इस पर क्या बताया?

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चेक रिपब्लिक का बयान आया है | फोटो: इंडिया टुडे

निखिल गुप्ता. भारतीय नागरिक. इस समय चेक रिपब्लिक की जेल में बंद हैं. इन पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) की हत्या की साजिश का आरोप है. अब इस मामले पर चेक रिपब्लिक का बयान आया है. चेक गणराज्य के कानून मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय अदालतों के पास निखिल गुप्ता के मामले में कोई फैसला देने का अधिकार नहीं है. ये उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर का मामला है.

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द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में चेक कानून मंत्रालय के प्रवक्ता व्लादिमीर रेपका ने कहा,

‘इस मामले में भारत की किसी भी कानून से जुड़ी अथॉरिटीज के पास दखल देने का अधिकार नहीं है, ये मामला पूरी तरह से चेक गणराज्य की कानूनी एजेंसियों के अधिकार क्षेत्र में है… ’

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बीते हफ्ते ही जेल से रिहाई के लिए Nikhil Gupta की ओर से भारत के सुप्रीम कोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी. इसमें मांग की गई थी कि भारत सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे. शुक्रवार, 15 नवंबर को आला अदालत ने कह दिया कि वो 4 जनवरी को याचिका पर सुनवाई करेंगे. साथ ही ये भी कहा कि याचिकाकर्ता चेक रिपब्लिक की अदालत से संपर्क करे.

बार और बेंच के इनपुट्स के मुताबिक़, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवी भट्टी की बेंच ने कहा,

"आपको उस अदालत में जाना होगा. वहां जाएं. हम यहां कोई फैसला नहीं करने जा रहे हैं. अगर किसी क़ानून का उल्लंघन हुआ है, तो भी आपको वहां जाना होगा."

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जबरन बीफ खिलाए जाने पर क्या जवाब दिया?

निखिल के वकील को ये भी निर्देश दिए गए कि वो याचिका की एक प्रति केंद्र सरकार के वकील को दें. साथ ही निखिल के वकील ने अपील की थी कि अगली तारीख़ पर बंद कमरे में सुनवाई हो. अदालत इस अपील पर विचार करने के लिए सहमत हो गई.

निखिल की तरफ से जारी इस याचिका में दावा किया गया था कि चेक अफ़सरों ने निखिल की गिरफ़्तारी में ज़रूरी प्रोटोकॉल्स का पालन नहीं किया. उन्हें एक हिंदू होने के बावजूद गोमांस और सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. याचिका में ये भी कहा गया कि चेक रिपब्लिक की अदालत में निखिल को शुरूआत में कई दिनों तक काउंसलर एक्सेस नहीं दी गई, जो उनके अधिकारों का हनन है.

इसे लेकर चेक कानून मंत्रालय के प्रवक्ता व्लादिमीर रेपका ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि ऐसा नहीं है. निखिल को चेक कानून के तहत अपने देश के काउंसलर ऑफिस से कानूनी मदद लेने का अधिकार है और अदालत में अपना पक्ष रखने की पूरी आजादी है. रेपका के मुताबिक चेक गणराज्य के न्याय मंत्रालय को निखिल या उनके वकील की तरफ से गलत खाने या कानूनी मदद की इजाजत न दिए जाने जैसी कोई शिकायत नहीं मिली है.

केस है क्या?

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले महीने अमेरिकी अफ़सरों ने निखिल गुप्ता और एक अज्ञात भारतीय सरकारी अधिकारी पर गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश के आरोप लगाए थे. अमेरिकी डिपारक्टमेंट ऑफ़ जस्टिस के आरोप हैं कि उन्होंने पन्नू की हत्या के लिए अमेरिका में किसी को सुपारी दी थी.

चेक रिपब्लिक के न्याय मंत्रालय ने निखिल गुप्ता की गिरफ़्तारी और अंतरिम हिरासत की पुष्टि की है. मंत्रालय के प्रवक्ता व्लादिमीर रेपका ने मीडिया को जानकारी दी है कि गुप्ता को अमेरिकी सरकार के कहने पर गिरफ़्तार किया गया है.

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एक भारतीय पर खालिस्तानी आतंकी की साज़िश के आरोप को भारत सरकार ने गंभीर चिंता का विषय बताया है. आरोपों की जांच के लिए जांच टीम बनाई है और कहा है कि आरोपों की जांच करने वाले पैनल के निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के प्रिंसिपल डिप्टी जोनाथन फ़ाइनर इस महीने की शुरुआत में भारत आए थे. उन्होंने भारतीय अफ़सरों को साज़िश में कथित लिंक की जांच को तेज़ करने के लिए कहा और ज़िम्मेदार पाए जाने वालों को जवाबदेह ठहराने को कहा. जैसे ही फ़ाइनर अपना भारत दौरा ख़त्म कर अमेरिका लौटे, वाइट हाउस ने एक रीड-आउट जारी किया. जिसमें समिति की जांच और आरोपियों को पकड़ने की बात लिखी थी.

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रीड-आउट में ये ज़िक्र नहीं है कि फ़ाइनर ने किस भारतीय अधिकारी या अधिकारियों से बातचीत की. 

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