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इस देश में एक ही स्कूल से किडनैप हुए 315 बच्चे और टीचर्स, राष्ट्रपति को रोकनी पड़ी विदेश यात्रा

Nigeria Mass School Kidnapping: इन घटनाओं से नाइजीरिया में सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं. देश के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू ने इन सुरक्षा मुद्दों पर ध्यान देने के लिए अपनी विदेश यात्राएं टाल दी हैं.

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नाइजीरिया के कैथोलिक स्कूल में मास किडनैपिंग के बाद बिखरे पड़े सामान. (फोटो- AP)

अफ्रीका के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश नाइजीरिया में स्कूलों से किडनैपिंग की घटनाएं फिर बढ़ रही हैं. शुक्रवार, 21 नवंबर को नाइजर राज्य में एक कैथोलिक स्कूल से 315 छात्रों और शिक्षकों को कथित तौर पर किडनैप कर लिया गया. ये नाइजीरिया में एक हफ्ते के अंदर दूसरी बड़े पैमाने पर स्कूल से किडनैपिंग की घटना है.

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इससे पहले भी खबर आई थी कि बंदूकधारियों ने पड़ोसी राज्य केब्बी से 25 छात्राओं को किडनैप कर लिया था. हालिया घटना नाइजर राज्य के सेंट मैरी को-एजुकेशन स्कूल में हुई है. नाइजीरिया के क्रिश्चियन एसोसिएशन (CAN) ने कहा कि नया आंकड़ा शुक्रवार, 21 नवंबर को हुई मास किडनैपिंग के वेरिफिकेशन के बाद आया है.

CAN के मुताबिक, किडनैप हुए पीड़ितों की कुल संख्या अब 315 हो गई है. इनमें 303 छात्र और 12 (4 महिलाएं और 8 पुरुष) शिक्षक हैं. स्कूल में कुल 629 छात्र हैं. यानी लगभग स्कूल के आधे बच्चे किडनैप हो चुके हैं.

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क्रिश्चियन एसोसिएशन (CAN) ने आगे कहा कि कोंटागोरा डायोसीज के कैथोलिक बिशप रेवरेंड बुलुस दाऊवा योहाना ने सेंट मैरी का दौरा करने के बाद ये जानकारी दी है. कोंटागोरा डायोसीज के तहत ही ये स्कूल आता है.

इन घटनाओं से नाइजीरिया में सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं. AFP की खबर के मुताबिक, नाइजीरियाई सरकार ने किडनैप हुए छात्रों और शिक्षकों की संख्या पर कोई कॉमेंट तो नहीं किया. लेकिन देश के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू ने इन हालात और देश की सुरक्षा पर ध्यान देने के लिए अपनी विदेश यात्राएं टाल दी हैं. इसमें दक्षिण अफ्रीका में हो रहा जी-20 शिखर सम्मेलन भी शामिल है.

नाइजर राज्य सरकार ने तो संकट से निपटने के लिए कई स्कूलों को बंद ही कर दिया. वहीं, बगल के राज्यों कैटसिना और प्लेटो के अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है.

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इससे पहले केब्बी राज्य से जिन 25 छात्राओं को किडनैप किया गया था, उन्हें लेकर भी जानकारी सामने आई है. संयुक्त राष्ट्र के एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर AFP को बताया कि उन्हें संभवतः पास के कडुना राज्य के बिरनिन ग्वारी जंगल में ले जाया गया है.

नाइजीरिया लंबे समय से किडनैपिंग की समस्या से जूझ रहा है. एक समय तक इसका इस्तेमाल राजनैतिक विरोधियों को निपटाने या दहशत पैदा करने में किया जाता था. फिर इसमें बोको हराम को मौका दिखा. उन्होंने सेक्स-स्लेव बनाने और बेचकर पैसे कमाने के लिए स्कूली लड़कियों को उठाना शुरू किया. धीरे-धीरे इसमें दूसरे छोटे-मोटे क्रिमिनल गैंग्स भी शामिल होने लगे. उन्हें इसमें बढ़िया फायदा दिख रहा था.

आर्थिक संकट और अराजकता से परेशान सरकार के लिए इस पर फोकस करना मुश्किल था. इसके चलते किडनैपिंग इंडस्ट्री का ग्राफ लगातार ऊपर बढ़ता गया. इसकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाइए कि नाइजीरिया की पोलिटिकल पार्टियां किडनैपिंग इंडस्ट्री को खत्म करने के दावे को अपने मेनिफेस्टो में शामिल करती हैं.

ये भी पढ़ें- नाइजीरिया की किडनैपिंग इंडस्ट्री की पूरी कहानी

नाइजीरिया अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. महाद्वीप के पश्चिमी तट पर बसे इस देश की दक्षिणी सीमा ‘गिनी की खाड़ी’ से लगती है. इसके पड़ोसियों में बेनिन, चाड, कैमरून और नाइजर का नाम आता है. नाइजीरिया की आबादी लगभग 23 करोड़ है. 

यहां दो धर्मों का दबदबा है. लगभग 53 प्रतिशत आबादी इस्लाम (ज्यादातर उत्तरी इलाके में), जबकि 46 प्रतिशत के आसपास लोग ईसाई धर्म (दक्षिणी इलाके में) को मानते हैं. उनके बीच दशकों से जातीय संघर्ष चलता आया है.

इसी को लेकर बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कॉमेंट किया था. उन्होंने दावा किया कि नाइजीरिया में ईसाई 'अस्तित्व के खतरे' का सामना कर रहे हैं. उन्होंने इस देश के कट्टरवादी मुसलमानों पर ‘सामूहिक नरसंहार’ करने का आरोप लगाया. साथ ही, अमेरिकी सांसदों से इसकी जांच करने की अपील भी की थी.

वीडियो: दुनियादारी: बोको हराम वाले नाइजीरिया में नौजवान लोग अपहरण के धंधे में क्यों शामिल हो रहे हैं?

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