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न्यूजक्लिक का 'चीन कनेक्शन'? आखिर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में लिखा क्या है?

BJP सांसदों के आरोपों पर Newsclick ने भी जवाब दिया है.

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न्यूजक्लिक को लेकर अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की (फोटो- ANI)

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट का हवाला देकर कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वो "देशद्रोहियों" और "चाइनीज प्रोपेगैंडा" फैलाने वालों का समर्थन कर रही है. BJP सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट ने भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल "टुकड़े-टुकड़े गैंग" और "कुछ मीडिया" को एक्सपोज कर दिया है. दुबे ने आरोप लगाया कि एक मीडिया संस्थान को "चीन ने फंड किया" है. उन्होंने ये भी कहा कि भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए चीन कुछ पत्रकारों को पैसा दे रहा है. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का विरोध करने के लिए चीन कांग्रेस को पैसे दे रहा है.

संसद में इन आरोपों का कांग्रेस ने विरोध किया. पार्टी के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने नियम-350 के तहत लोकसभा अध्यक्ष से मांग की कि निशिकांत दुबे के भाषण को कार्यवाही से हटाया जाए. बाद में दुबे के भाषण से कुछ शब्दों को हटा दिया गया.

न्यूजक्लिक पर क्या आरोप लगा?

इसके कुछ देर बाद ही केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जब केंद्रीय एजेंसी 'न्यूजक्लिक' के खिलाफ जांच कर रही थी, तब कांग्रेस ने उसका विरोध किया था. अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 

"भारत लंबे समय से बता रहा था कि न्यूजक्लिक भी प्रचार की एक खतरनाक वैश्विक चाल है. अगर मैं कहूं कि कांग्रेस, चीन, न्यूजक्लिक सभी एक भारत विरोधी गर्भनाल से जुड़े हुए हैं. राहुल गांधी की नकली 'मोहब्बत की दुकान' में चीनी सामान साफ नजर आने लगा है. चीन के प्रति प्यार और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार दिखता था."

अनुराग ठाकुर ने आगे बताया, 

"जब मैं न्यूजक्लिक की बात करता हूं, तो चीन के द्वारा फंडिंग ग्लोबल मीडिया संस्थान से इसकी फंडिंग हुई है. न्यूजक्लिक के खिलाफ 5 दिनों की रेड हुई थी. तो उसमें कहां-कहां से पैसा लिया गया, कितने पैसे आए, वो सभी जानकारी दूंगा. विदेशी नेविल रॉय सिंघम ने इसकी फंडिंग की. और सिंघम को फंडिंग कहां से आई, वो चीन पीछे से करता है. नेविल रॉय का सीधा संपर्क कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के एक प्रोपेगैंडा विंग के साथ है. कांग्रेस और विपक्षी दल जिन अखबारों के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, उन्होंने ही पुष्टि की है. उस बात की पुष्टि की जिसके बारे में भारत ने दो साल पहले कहा था."

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने 2021 में न्यूजक्लिक के बारे में खुलासा किया था कि कैसे विदेशी हाथ भारत के खिलाफ है. कैसे विदेशी प्रोपेगैंडा भारत के खिलाफ है और इस "एंटी-इंडिया कैंपेन" में कांग्रेस और विपक्षी दल भी उनके समर्थन में आए थे. ठाकुर ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि चीनी कंपनियां नेविल रॉय सिंघम के जरिये न्यूजक्लिक को फंड कर रही थीं, लेकिन उनके सेल्समैन भारत के ही कुछ लोग थे, जो कार्रवाई के खिलाफ उनके समर्थन में आ गए थे. उन्होंने चीन के एजेंडे को फैलाने और फर्जी प्रोपेगैंडा के जरिये आम लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है. ठाकुर ने कहा कि ये 'फ्री न्यूज' के नाम पर 'फेक न्यूज' परोसने वाले हैं.

न्यूयॉर्क टाइम्स ने चीन कनेक्शन को लेकर क्या छापा?

ये पूरा विवाद 5 अगस्त को न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) में छपी एक रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ है. NYT ने अमेरिकी बिजनेसमैन नेविल रॉय सिंघम के बारे में रिपोर्ट छापी. बताया कि नेविल रॉय किस तरह दुनिया भर की संस्थाओं को फंड करते हैं, जो चीनी सरकार के "प्रोपेगैंडा टूल" की तरह काम करती हैं. रिपोर्ट बताती है कि सिंघम खुद शंघाई में रहते हैं. पिछले महीने उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के वर्कशॉप में भी हिस्सा लिया था, जिसमें पार्टी को दुनिया भर में फैलाने की चर्चा हुई थी.

नेविल रॉय सिंघम एनजीओ, शिक्षण संस्थानों, मीडिया संस्थानों को फंड करने को लेकर चर्चित हैं. 69 साल के नेविल समाजवादी चिंतक और यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क में प्रोफेसर रहे आर्चिबॉल्ड डब्ल्यू सिंघम के बेटे हैं. 1991 में आर्चिबॉल्ड का निधन हुआ था. उन्हें आर्चि सिंघम भी कहा जाता था. आर्चि मूल रूप से श्रीलंका के रहने वाले थे. साम्राज्यवाद के खिलाफ उन्होंने कई किताबें भी लिखीं. बेटे नेविल रॉय सिंघम ने शिकागो में आईटी फर्म की शुरुआत की थी. उन पर बहुत पहले से चीनी सरकार को प्रोमोट करने वाले संस्थानों को फंडिंग करने का आरोप लगता रहा है.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रॉय सिंघम का ग्रुप कई फ्रंट पर चीनी सरकार के कामों का प्रचार करता है. मसलन, अफ्रीका में राजनेताओं को ट्रेनिंग देना, प्रोटेस्ट (जैसा लंदन में हुआ) को फंड करना. NYT ने दावा किया है कि उसने सिंघम से जुड़ी कई चैरिटी और शेल कंपनियों का पता लगाया है और ग्रुप से जुड़े कई पूर्व कर्मचारियों से बात भी की है. ये भी लिखा है कि ये ग्रुप्स साझा काम करते हैं. वे एक-दूसरे के आर्टिकल और क्रॉस शेयर करते हैं. वे बिना संबंध बताए एक-दूसरे के प्रतिनिधियों का इंटरव्यू करते हैं.

अखबार लिखता है कि कॉरपोरेट फाइलिंग से पता चलता है कि नेविल रॉय सिंघम का नेटवर्क भारत में एक न्यूज वेबसाइट 'न्यूजक्लिक' को फंड करता है. अखबार ने न्यूजक्लिक का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि वेबसाइट में चीन की सरकार का काफी कवरेज है. जैसे एक वीडियो में वेबसाइट कहती है, 

"चीन का इतिहास मजदूर वर्ग को अब भी प्रेरित कर रहा है."

न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट में न्यूजक्लिक के खिलाफ भारतीय एजेंसियों की छापेमारी का भी जिक्र किया. बताया कि अधिकारियों ने तब आरोप लगाया था कि वेबसाइट का संबंध चीन की सरकार से है, लेकिन कोई सबूत पेश नहीं किया गया था.

इन आरोपों पर रॉय सिंघम ने ईमेल से NYT को जवाब दिया कि जिन देशों में भी उनका काम है, वहां वे टैक्स कानूनों का पालन करते हैं. ईमेल में उन्होंने बताया, 

"मैं इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करता हूं कि मैं किसी पार्टी का सदस्य हूं, या उसके लिए काम करता हूं या किसी से आदेश लेता हूं. मैं सिर्फ अपने विचारों से चलता हूं."

न्यूजक्लिक ने क्या जवाब दिया?

न्यूजक्लिक ने भी इन आरोपों पर जवाब दिया है. 7 अगस्त को एक बयान जारी करते हुए संस्थान ने कहा, 

"पिछले 12 घंटों से Newsclick के खिलाफ कई तरह के झूठे और आधारहीन आरोप लगाए गए हैं. ये मामला कोर्ट के सामने विचाराधीन है. हम कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करते हैं और मीडिया ट्रायल में नहीं उलझना चाहते हैं. कई राजनेताओं और मीडिया संस्थान हमारे खिलाफ जो आरोप लगा रहे हैं उनका कोई आधार नहीं है. न्यूजक्लिक एक स्वतंत्र न्यूज संस्थान है. ये कहना कि हम कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के प्रवक्ता की तरह या उसके हितों के लिए काम करते हैं, पूरी तरह गलत है. हम भारतीय कोर्ट में भरोसा करते हैं और भारतीय कानून के हिसाब से काम करते रहेंगे." 

संस्थान ने ये भी कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने मौजूदा केस में न्यूजक्लिक के पक्ष में एक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कंपनी के कई अधिकारियों को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है. इसके अलावा, एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने न्यूजक्लिक के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दर्ज शिकायत को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा था कि केस में मेरिट नहीं है.

वहीं कांग्रेस ने आरोप लगने के बाद सरकार से ही सवाल पूछ लिया कि सीमा पर चीनी अतिक्रमण को लेकर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं और भारत के आधिकारिक भू-भाग में चीन कितना अंदर आ चुका है?

न्यूजक्लिक एक न्यूज वेबसाइट है. इस संस्थान पर फरवरी 2021 में ईडी ने छापेमारी की थी. ये छापेमारी 5 दिनों तक चली थी. न्यूजक्लिक ऑफिस के अलावा वेबसाइट के एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और कई जगहों पर छापेमारी हुई थी. तब भी यही खबर सामने आई थी कि वेबसाइट को मिली फंडिंग की जांच की जा रही है. हालांकि न्यूजक्लिक ने कहा था कि उसके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और कंपनी ने सभी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है.

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