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ED को कार्यवाहक निदेशक मिला, कौन हैं राहुल नवीन?

राहुल नवीन ED के मौजूदा चीफ संजय कुमार मिश्रा की जगह लेंगे जिनका 15 सितंबर यानी आज कार्यकाल खत्म हो गया है.

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राहुल नवीन ED के चीफ संजय कुमार मिश्रा की जगह लेंगे. (फोटो- ट्विटर)

केंद्र सरकार ने Enforcement Directorate (ED) के कार्यवाहक डायरेक्टर की नियुक्ति कर दी है. सीनियर IRS अधिकारी राहुल नवीन (Rahul Navin) को ED का कार्यवाहक डायरेक्टर बनाया गया है. मतलब वो इस पद पर रेगुलर डायरेक्टर की नियुक्ति तक बने रहेंगे.

राहुल नवीन ED के चीफ संजय कुमार मिश्रा की जगह लेंगे. संजय का 15 सितंबर यानी आज बतौर ED चीफ कार्यकाल खत्म हो गया है. वो लगभग 4 साल 10 महीने तक ED के डायरेक्टर रहे. उनकी जगह लेने जा रहे राहुल नवीन इस पद पर नियुक्त होने वाले सबसे सीनियर अधिकारी बन गए हैं.

कौन हैं राहुल नवीन?

बिहार के रहने वाले राहुल 1993 बैच के IRS अधिकारी हैं. इससे पहले वो ED में चीफ विजिलेंस ऑफिसर के रूप में कार्यरत थे. नवीन को नवंबर 2020 में ED का स्पेशल डायरेक्टर नियुक्त किया गया था. वो नवंबर 2019 से ED में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी के रूप में कार्य कर रहे हैं.

नवीन ने IRS के 63वें बैच में एडिशनल डायरेक्टर और कोर्स डायरेक्टर का पदभार भी संभाला था. साल 2017 में उनको इनकम टैक्स का कमिश्नर बनाया गया था.

संजय मिश्रा को मिला कई बार एक्सटेंशन

संजय मिश्रा का पहला कार्यकाल नवंबर 2020 में खत्म होने वाला था. लेकिन सरकार ने उनके कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ा दिया. केंद्र सरकार ने 13 नवंबर 2020 को एक आदेश जारी किया था. इसमें बताया गया कि राष्ट्रपति ने 2018 के आदेश में बदलाव को मंजूरी दी है, जिससे 2 साल का कार्यकाल तीन साल का हो गया. सरकार के इस फैसले को NGO कॉमन कॉज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

सितंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया. इसमें संजय मिश्रा को मिले पहले एक्सटेंशन को बरकरार रखा गया. लेकिन कोर्ट ने साफ-साफ कहा था कि मिश्रा को अब इस पद पर कोई एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा. तब कोर्ट ने ये भी कहा था कि एक्सटेंशन बेहद कम समय के लिए अपवाद और इमरजेंसी की स्थिति में दिया जा सकता है.

कोर्ट के फैसले के बावजूद सरकार ने संजय मिश्रा को दो और एक्सटेंशन दिया. इसके लिए नवंबर 2021 में केंद्र सरकार, सेंट्रल विजिलेंस कमीशन एक्ट में बदलाव के लिए एक अध्यादेश ले आई. उसी साल संसद के शीतकालीन सत्र में इसे बिल के रूप में लाया गया, जो बाद में कानून बन गया.

(ये भी पढ़ें: 'संजय मिश्रा को ED डायरेक्टर बनाए रखना अवैध', ये बोल सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को राहत भी दे दी)

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