नेटफ्लिक्स के शेयर किए हुए इस डेढ़ मिनट के वीडियो में उस वक्त के कुछ ओरिजनल फुटेज दिख रहे हैं. इस टीज़र में उस वक्त जांच में जुटे पुलिस वाले, घटनास्थल पर पहुंचे जर्नलिस्ट और आस-पड़ोस में रहने वाले लोग अपने एक्सपीरिएंस शेयर कर रहे हैं. भाटिया परिवार की पुरानी तस्वीरों और कुछ पुराने वीडियोज़ को भी इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ में दिखाया जाएगा. इसे 08 अक्टूबर से नेटफ्लिक्स पर देखा जा सकेगा. कैसा है टीज़र? दिल दहलाने वाला. ये घटना अपने आप में ही इतनी अजीब थी, जिसे सुनने के बाद हर इंसान अंदर से हिल गया था. इसका टीज़र भी कुछ ऐसा ही है. एक सीन में बैकग्राउंड वॉइस चलती है. जिसमें ऑफिसर बताते हैं कि जब वो 'बुराड़ी हाउस में घुसे तो जिस तरह बरगद के पेड़ से शाखाएं लटकती हैं, उसी तरह रंग-बिरंगे दुप्पटे से परिवार के सदस्य छत से लटके हुए थे.' इस सीन के साथ वो लोहे की ग्रिल भी दिखाई जाती है, जिसमें चुन्नियां और साड़ियां लटक रही हैं. वैसे अभी तक इस राज से पर्दा नहीं उठ पाया है कि ये सुसाइड केस था या कुछ और.
पुलिस की जांच में क्या पता चला?
जांच में जो बातें सामने आई थीं उनसे मामला धार्मिक अंधविश्वास का ही लग रहा था. पुलिस की जांच में ये पूरी घटना अंधविश्वास में की गई बताई गई. पुलिस के सूत्रों के मुताबिक मृतक ललित भाटिया तंत्र-मंत्र में विश्वास करता था. वो कहता था कि उसके मृत पिता आकर निर्देश देते हैं. वो इन निर्देशों को रजिस्टरों में लिखता था.

बुराड़ी परिवार और उसके सदस्य.
उस समय घर से करीब 20 रजिस्टर मिले थे. इन रजिस्टरों में जो बातें लिखी थीं, वो बहुत अजीब सी थीं. साथ ही पड़ोस के बच्चों ने बताया था कि घर में रहने वाले बच्चे ज़िक्र करते थे कि ललित अंकल में दादाजी आते हैं.
अब कौन रहता है घर में? इस घटना के बाद लंबे अरसे तक बुराड़ी इलाके में स्थित इस घर में कोई रहने नहीं आया. फिर साल 2019 में इस घर में डॉक्टर मोहन सिंह शिफ्ट हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि मोहन को इस घर में किसी भी तरह की समस्या नहीं है. उन्होंने बताया था कि लोग उनसे पूछते रहते हैं कि क्या उन्हें घर में डर नहीं लगता? मोहन का कहना है कि वो अंधविश्वासी नहीं हैं. उन्हें उस घर में कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने बताया कि वो भाटिया परिवार के लोगों को जानते थे.