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'CM की कुर्सी के लिए केजरीवाल किसी और को चाहते थे', नवजोत सिद्धू की पत्नी के दावे से हंगामा

नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने दावा किया है कि सिद्धू अपनी पार्टी कांग्रेस को धोखा नहीं देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने...

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सिद्धू पाजी ने सीएम की कुर्सी भगवंत मान को गिफ्ट की. (साभार - आजतक)

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर के एक बयान से पंजाब की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है. नवजोत कौर ने कहा है कि उनके पति नवजोत सिद्धू ने सीएम की कुर्सी भगवंत मान को 'गिफ्ट' की है. नवजोत का दावा है कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल चाहते थे कि उनके पति पंजाब को लीड करें. लेकिन सिद्धू कांग्रेस को धोखा नहीं देना चाहते थे और इसलिए उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था.

नवजोत कौर विधायक होने के साथ पंजाब सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं. उन्होंने शुक्रवार, 9 जून को तीन ट्वीट्स कर नवजोत सिद्धू और भगवंत मान से जुड़े कई दावे किए. वो लिखती हैं,

"सीएम भगवंत मान, मैं आज आपके लिए एक राज खोलती हूं. आपको पता होना चाहिए कि आप जिस इज्जतदार कुर्सी पर अभी बैठे हैं, वो आपको आपके बड़े भाई सिद्धू पाजी ने गिफ्ट की है. आपके सबसे सीनियर लीडर खुद चाहते थे कि सिद्धू पंजाब को लीड करें (यानी पंजाब के मुख्यमंत्री बनें).

 

सिद्धू का पंजाब के प्रति जो जुनून है, उसके बारे में केजरीवाल जानते हैं. उन्होंने कई माध्यमों से सिद्धू को अप्रोच किया था. सिद्धू अपनी पार्टी को धोखा नहीं देना चाहते थे. उन्हें लगता था पंजाब की प्रगति के लिए स्ट्रैटेजी बनाने पर दो बड़े नेताओं का टकराव हो सकता है. इसलिए उन्होंने आपको मौका दिया.

 

सिद्धू सिर्फ पंजाब की भलाई चाहते हैं. उन्होंने इसके लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया. आप सच्चाई की राह पर चलिए, वो आपको सपोर्ट करते रहेंगे. आप जैसे ही राह भटकेंगे, वो हर तरफ से आप पर अटैक करेंगे. वो एक गोल्डन पंजाब का सपना देखते हैं और पूरे दिन, पूरी रात उसी को लेकर जीते हैं."

कब शुरू हुआ बवाल?

4 जून को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विपक्षी पार्टियों पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि सारे एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं. मान ने ट्वीट किया था,

"जिन्होंने जनरल डायर को खाना परोसा, जिन्होंने धार्मिक स्थलों पर टैंक चलवाए, जिन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान किया, जिन्होंने धर्म के नाम पर दंगे फैलाए, किसानों के खिलाफ कानून बनाने वाले... जब ये सब मुमकिन हो, तब इन्हें एक ही थाली का चट्टा-बट्टा कहना चाहिए."

विपक्षी पार्टियों के कई नेता पंजाब के जालंधर में जुटे हैं और पंजाबी न्यूज़पेपर 'अजीत' के संपादक बरजिंदर सिंह हमदर्द का समर्थन कर रहे हैं. पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने जंग-ए-आजादी शहीदी स्मारक के निर्माण में कथित रूप से हुए घोटाले में बरजिंदर पर फंदा कसा है. इस सिलसिले में उनसे कई बार पूछताछ की जा चुकी है. ये स्मारक जालंधर के करतारपुर में बनाया गया था. इसका उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने नवंबर 2016 में किया था. इसे बनाने में कुल 315 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. आरोप है कि इसके निर्माण में पैसों की हेराफेरी की गई थी.  

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हमदर्द इस स्मारक के मैनेजिंग कमिटी के प्रेसिडेंट थे. उन्होंने 10 अप्रैल 2023 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देते हुए हमदर्द ने कहा था कि पंजाब सरकार बार-बार पुलिस और विजिलेंस की टीम्स भेजकर इस स्मारक का नाम बदनाम कर रही है. पंजाब सरकार ने फरवरी में इस घोटाले में छानबीन की शुरुआत की थी.

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