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पाकिस्तान के लिए जासूसी करता था DRDO का इंजीनियर, मिसाइल की जानकारी की थी लीक, अब मिली सजा

इंजीनियर निशांत अग्रवाल फेसबुक के माध्यम से पाकिस्तान के दो इंटेलिजेंस ऑपरेटिव से जुड़ा हुआ था.

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निशांत ने कुरुक्षेत्र स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. (फोटो- ट्विटर)

महाराष्ट्र की एक अदालत ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है (Brahmos Engineer ISI). इंजीनियर को साल 2018 में ISI के लिए मिसाइल की जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने इंजीनियर को 14 साल के कठोर कारावास की सजा दी है, साथ ही 3 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

नागपुर के सेशन कोर्ट ने 3 जून को ये फैसला सुनाया. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रह्मोस एयरोस्पेस के इस पूर्व इंजीनियर का नाम निशांत अग्रवाल है. वो ब्रह्मोस एयरोस्पेस में सीनियर सिस्टम इंजीनियर था. बता दें कि ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस’ DRDO और रशियन मिलिट्री इंडस्ट्रियल कंसोर्टियम के बीच एक जॉइंट वेंचर है. ये भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल पर काम करने के लिए बनाया गया था जो कि जमीन, हवा, समुद्र और पानी के नीचे से लॉन्च की जा सकती हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक एडिशनल सेशन जज एमवी देशपांडे ने फैसला सुनाते हुए बताया कि निशांत अग्रवाल को CrPC की धारा 235, IT एक्ट के सेक्शन 66(f) और Official Secrets Act (OSA) के तहत सजा सुनाई गई है. रिपोर्ट के अनुसार स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर ज्योति वजानी ने कहा,

“कोर्ट ने अग्रवाल को Official Secrets Act (OSA) के तहत आजीवन कारावास और 14 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 3 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.”

बता दें कि निशांत अग्रवाल को पिछले साल अप्रैल महीने में नागपुर कोर्ट ने बेल दे दी थी. ब्रह्मोस एयरोस्पेस से जुड़ी जानकारी लीक करने का ये मामला साल 2018 में सामने आया था. इंजीनियर निशांत अग्रवाल फेसबुक के माध्यम से पाकिस्तान के दो इंटेलिजेंस ऑपरेटिव से जुड़ा हुआ था. जिनकी पहचान ‘नेहा शर्मा’ और ‘पूजा रंजन’ के रूप में हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक के ये अकाउंट इस्लामाबाद से ऑपरेट किए जा रहे थे.

निशांत अग्रवाल को नागपुर ATS और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. निशांत पर IPC की संबंधित धाराओं, IT Act, 1923 की धारा 3 (जासूसी के लिए दंड), 4 (विदेशी एजेंटों के साथ जानकारी साझा करना), 5 (सूचना का गलत संचार, आदि) और 9 (उकसावा) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

लाइव लॉ से जुड़ीं अमीषा श्रीवास्तव की 15 अप्रैल 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक चार्जशीट में बताया गया था कि निशांत के लैपटॉप से सीक्रेट और रिस्ट्रिक्टेड फाइलें मिली थीं. इतना ही नहीं, आरोपी इंजीनियर के लैपटॉप में एक सॉफ्टवेयर भी पाया गया था जिसकी मदद से जानकारी दूसरे देशों को साझा की जा रही थी.          

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक निशांत अग्रवाल DRDO द्वारा दिए जाने वाले यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड का विनर था. निशांत को मेधावी इंजीनियर माना जाता था. उसने कुरुक्षेत्र स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी.

वीडियो: ब्रह्मोस के सीक्रेट ISI को देते पकड़ा गया DRDO का इंजीनियर| दी लल्लनटॉप शो| Episode 63