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मुजफ्फरनगर वीडियो मामले में Alt News के मोहम्मद जुबैर के खिलाफ केस क्यों दर्ज हुआ?

जुबैर के खिलाफ यूपी में पहले भी कई केस दर्ज हुए थे.

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Alt News के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर (फोटो- Alt News/PTI)

मुजफ्फरनगर वीडियो मामले में पत्रकार और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. जुबैर पर मुजफ्फरनगर मामले में पीड़ित नाबालिग बच्चे की पहचान उजागर करने का आरोप है. वीडियो में दिखा था कि एक महिला टीचर एक बच्चे को स्कूल के दूसरे बच्चों से थप्पड़ मरवा रही हैं. इस वीडियो को कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था. हालांकि जुबैर ने बाद में वीडियो डिलीट किया था. जुबैर के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा-74 के तहत FIR दर्ज की गई है. ये FIR विष्णुदत्त नाम के व्यक्ति की शिकायत पर मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाने में दर्ज हुई है.

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मोहम्मद जुबैर फैक्ट चेकिंग न्यूज वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर हैं. यह वेबसाइट फेक न्यूज के खिलाफ काम करती है और उनसे जुड़े सही तथ्यों को प्रकाशित करती है.

FIR के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि मोहम्मद जुबैर ने वीडयो में पीड़ित छात्र की पहचान उजागर की है, जो जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत बाल अधिकारों का हनन है. इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.

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जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा-74 के तहत नाबालिग बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में पीड़ित बच्चे या उससे जुड़े दूसरे बच्चों की पहचान न्यूजपेपर, मैगजीन, ऑडियो-विजुअल या किसी दूसरे माध्यम से उजागर नहीं की जा सकती है.

केस दर्ज होने पर हमने जुबैर से बात की. जुबैर ने दी लल्लनटॉप को बताया कि उन्हें पुलिस की तरफ से न कोई कॉल नहीं आया और न कोई नोटिस नहीं मिला है. जुबैर ने कहा, 

“मुझे सोशल मीडिया और पत्रकार दोस्तों से ही पता चला कि मेरे खिलाफ केस दर्ज हुआ है. NCPCR के आदेश के बाद मैंने उस वीडियो को डिलीट भी कर दिया था. FIR में सिर्फ मेरा नाम है जबकि कई लोगों ने सोशल मीडिया पर उस वीडियो को शेयर किया था. जाहिर सी बात है ये टारगेट करने के लिए हुआ है.”

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मुस्लिम बच्चे की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मामले का संज्ञान लिया था. NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्विटर (अब X) पर अपील की थी, 

"बच्चे का वीडियो शेयर न करें, इस तरह की घटना की जानकारी ईमेल के जरिये दें, बच्चों की पहचान उजागर कर अपराध के भागी न बनें."

हालांकि जुबैर का कहना है कि NCPCR के आदेश के बाद उन्होंने वीडियो डिलीट कर दिया था और फिर वीडियो का स्क्रीनशॉट लगाया था. जुबैर ने कहा कि वे अपने वकील से बात करेंगे कि आगे क्या किया जा सकता है. 

जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश में पहले भी कई केस दर्ज हुए थे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था. उनके खिलाफ ज्यादातर मामले धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, आपत्तिजनक टिप्पणी, दो समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाने जैसी धाराओं के तहत दर्ज हैं.

वायरल वीडियो मामले में महिला टीचर तृप्ता त्यागी के खिलाफ भी मंसूरपुर थाने में FIR दर्ज हुई थी. हालांकि बाद में ये भी खबर आई मुस्लिम बच्चे के परिवार पर केस वापस लेने और समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है.

वीडियो: मुज्जफरनगर वायरल वीडियो को लेकर मुस्लिम परिवार पर समझौता करने का दबाव कौन बना रहा है?

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