मुंबई की एक कंज्यूमर कमीशन ने 15 साल पुराने एक मामले पर सुनवाई की. मामला था एनेस्थेटिक्स के अत्यधिक उपयोग के कारण महिला की मौत का. साल 2008 के इस मामले पर सुनवाई करते हुए कमीशन ने अस्पताल और एक सर्जन पर 12 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है.
डॉक्टर की गड़बड़ी से मौत, 15 साल लड़ाई लड़ी, इतने लाख जुर्माना देगा अस्पताल
अस्पताल और मां खोने वाली बेटी की लड़ाई जानने लायक है.
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मामला मुंबई के परेल अस्पताल का है. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कुसुम मेमाने नाम की एक महिला को फ्रैक्चर होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तारीख थी, 20 जून 2008. अगले ही दिन परेल अस्पताल के डॉक्टर अजय राठौड़ ने कुसुम का ऑपरेशन किया. लेकिन सर्जरी से पहले दिए गए एनेस्थीसिया के कारण कुसुम को होश नहीं आया. उनकी बाद में मौत हो गई. इसी मामले में सुनवाई करते हुए नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन (NCDRC) ने अस्पताल और डॉक्टर पर ब्याज के साथ 12 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है.
चार महीने बाद मृत्यु हो गईरिपोर्ट के मुताबिक कुसुम की बेटी उमा निकम ने बताया कि होश न आने के बाद वो उन्हें दूसरे अस्पताल ले गईं. जहां चार महीने बाद 24 अक्टूबर, 2008 को उनकी मां कुसुम की मौत हो गई.
उमा ने इसकी शिकायत मुंबई के डिस्ट्रिक्ट फोरम में दर्ज कराई और कार्रवाई करने की मांग की. लेकिन यहां उमा की नहीं सुनी गई. उमा की शिकायत को रद्द कर दिया गया. साल बीते. 2015 आया. उमा राज्य की कंज्यूमर कमीशन पहुंची. कमीशन ने साल 2018 में मामले की सुनवाई करते हुए उमा को राहत दी. और अस्पताल से उमा को मुआवजा देने की बात कही. इस पर अस्पताल और डॉक्टर साल 2019 में नेशनल कंज्यूमर कमीशन पहुंचे. अस्पताल ने अपनी बात रखते हुए किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार किया.
NCDRC ने सुनाया फैसलामामला पहुंचा NCDRC. इस मामले की सुनवाई करते हुए नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन (NCDRC) ने अब अपना फैसला सुनाया है. कमीशन ने लापरवाही की बात को माना है. कमीशन ने कहा कि एनेस्थीसिया देने वाले डॉक्टर ने लापरवाही की थी. रिपोर्ट के मुताबिक कुसुम को डॉक्टर मुल्जी गडा ने एनेस्थीसिया दिया था. डॉक्टर गडा की बाद में मृत्यु हो गई.
कमीशन ने बताया कि डॉक्टर गडा ने एनेस्थीशिया से पहले मरीज के जरूरी चेकअप नहीं किए थे. कमीशन के मुताबिक डॉक्टर गडा ने सर्जरी करने वाले डॉक्टर राठौड़ से फोन पर बात कर एनेस्थीशिया का फिटनेस लिया था. जो कि पूरी तरह ठीक नहीं था. इसी कारण कमीशन ने कहा कि इस मामले में लापरवाही की गई है, और अस्पताल व डॉक्टर से जुर्माना भरने का आदेश दिया है.
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