गोवा के सांगोल्डा गांव का एक बंद फ्लैट. उसमें एक लाश मिलती है. जिसके जिस्म पर कपड़े नहीं थे. और बेड से उस लाश के हाथ-पांव बंधे हुए थे. ये लाश थी मोनिका घुर्डे की, जो परफ्यूम एक्सपर्ट थीं. खुशबू सूंघने के काम में माहिर. उम्र महज़ 39 साल. इस क्राइम में ताजा खबर ये है कि इस वारदात को अंजाम देने वाला पकड़ लिया गया है. मौत की वजह - बदला. नौकरी छिन जाने का बदला. और ये सनकी वो सब कर गया, जो नहीं होना चाहिए था. 6 अक्टूबर को मोनिका के घर काम करने वाली पहुंचीं. लेकिन फ्लैट लॉक था. उन्होंने दरवाजा पीटा लेकिन दरवाजा नहीं खुला. तब उन्होंने मोनिका के भाई आनंद को फोन किया, जो मुंबई में रहते हैं. आनंद ने मोनिका के अलग रह रहे पति भरत को फोन किया लेकिन उनसे कोई जानकारी नहीं मिली. अनहोनी का डर हुआ, तब उन्होंने मोनिका के पड़ोस में रहने वाली एक अमेरिकी औरत को फोन किया. उनके पास फ्लैट की दूसरी चाभी थी. उन्होंने 11.30 बजे फ्लैट खोला और अंदर दाखिल हुईं. सामने रोंगटे खड़े कर देने वाला मंजर था. मोनिका बिस्तर पर. हाथ-पैर बंधे हुए. जिस्म पर कपड़े नहीं. मोनिका अब इस दुनिया में नहीं थीं. सामने थी तो सिर्फ एक नंगी लाश. उन्होंने फ़ौरन पुलिस और उनके भाई को इन्फॉर्म किया.
लाश मिलने पर पुलिस की तफ्तीश शुरू हुई. केस हाई प्रोफाइल था. और जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया, उससे और भी सेंसेटिव हो गया. पुलिस ने कई टीमें तैयार की. पड़ोसी स्टेट में टीमें भेजी गईं. पुलिस को ये तो अंदाजा था कि ये किसी जानने वाले का काम है क्योंकि मर्डर करने वाला आसानी से फ्लैट में आया और चला गया. कहीं कुछ तोड़-फोड़ नहीं थी. मोनिका घुर्डे वैसे तो मूल रूप से नागपुर की थीं. इसी साल जुलाई में पणजी के प्रोवोरिम गांव से सांगोल्डा में शिफ्ट हुई थी. सांगोल्डा गोवा की राजधानी पणजी से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है. मोनिका एक फोटोग्राफर थीं. ग्राफ़िक डिज़ाइनर थीं. वो मुंबई में तमिलनाडु के फोटोग्राफर भरत राममरूथम से मिलीं. उनके साथ असिस्टेंट के तौर पर काम किया. साल 2004 में मोनिका ने 58 साल के भरत राममरूथम से शादी रचा ली. 2009 से परफ्यूम एक्सपर्ट बनने में उनका इंटरेस्ट बढ़ गया. दोनों 2011 में गोवा चले गए. और वहां मोनिका ने परफ्यूम बनाने के लिए लैब खोल ली. पिछले साल ही दोनों अलग हुए थे. पुलिस तफ्तीश में पता चला कि दोनों ने अलग-अलग रहने का फैसला किसी पर्सनल इशू पर किया था. दोनों में तलाक नहीं हुआ था. लेकिन दोनों के बीच कोई मनमुटाव नहीं था. और जब मोनिका की लाश मिली तो भरत राममरूथम चेन्नई में थे.

मोनिका के फ्लैट से कुछ दूरी पर लगे सीसीटीवी फुटेज मिले, जिसमें दो संदिग्ध दिखाई दिए. पुलिस ने सारे रिश्तेदारों से बात की, मगर कामयाबी नहीं मिली. फिर मोनिका को जानने वाले सभी लोगों को उन संदिग्ध की सीसीटीवी फुटेज दिखाई और फिर एक आदमी पकड़ा गया. पकड़ा गया ये आदमी पंजाब का रहने वाला राजकुमार सिंह था. अपने कबूलनामे में राजुकमार ने बताया कि वो मोनिका से बदला लेने गया था. नौकरी से निकाले जाने का बदला. वो बेंगलुरु में सिक्योरिटी गार्ड था. जहां पहले मोनिका रहती थीं. उसने मोनिका घुर्डे का छाता चुराया और इसी इल्जाम में उसे सपना राज वैली के सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी से निकाल दिया गया.
जब राजकुमार को नौकरी से निकाला गया, तब मोनिका ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन ये ही गार्ड उसके सामने चाकू लेकर खड़ा होगा. राजकुमार पुलिस को बताता है कि वो बहुत आराम के साथ मोनिका के फ्लैट में पहुंचा. उसके पास चाकू था. उसने मोनिका को डराया धमकाया. कहा, 'उसे चुपचाप पैसे निकाल कर दे दे.' मोनिका ने उससे कहा कि उसके पास कैश नहीं है. इस दौरान दोनों के बीच काफी झिक-झिक हुई. मोनिका इतना डर गई थी कि उसने फ़ौरन अपना एटीएम डेबिट कार्ड निकालकर दिया और पिन नंबर भी बता दिया. और कहा कि वो इससे पैसे निकाल ले. 
पुलिस को जो सीसीटीवी फुटेज मिला है, उसमें राजकुमार एक एटीएम से पैसा निकाल रहा है. वो भी मोनिका के डेबिट कार्ड से. उसके साथ एक आदमी और दिखाई दे रहा है.
शोर मचाने पर तकिये से दबा दिया मुंह
राजकुमार बताता है, 'मैं हमला न कर दूं, इसलिए मोनिका मुझे खाने-पीने के लिए ऑफर करने लगी. और कहने लगी कि वो पक्का इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताएगी. लेकिन अचानक उसने मेरे हाथ से चाकू छीन लिया और शोर मचाना शुरू कर दिया. मैं उसे मारना नहीं चाहता था लेकिन मैं डर गया और उसकी आवाज को खामोश करने के लिए तकिया उठाया और उसका मुंह दबा दिया. सांस घुटने से वो बेहोश हो गई. मैंने उसके हाथ-पैर बांध दिए. रेप के इरादे से उसके कपड़े उतार दिए. लेकिन रेप नहीं किया.' अफसर मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं ताकि ये पता चल सके कि रेप हुआ है या नहीं. अभी मर्डर का ही केस दर्ज किया गया है.
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