चार साल पहले हुआ पुलवामा आतंकी हमला (Pulwama Terrorist Attack) और बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) एक बार फिर सुर्खियों में हैं. पहली सुर्खी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बनाई. भारत जोड़ो (Bharat Jodo Yatra) यात्रा के दौरान दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने बालाकोट एयर स्ट्राइक का सबूत मांगा, तो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस बयान से असहमति जताई. राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रहित में उठाए कदमों के लिए सेना को कोई भी सबूत देने की जरूरत नहीं है.
पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच 'परमाणु युद्ध' को अमेरिका ने कैसे रोका था?
अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री ने अपनी किताब में इस बारे में काफी कुछ लिखा है.

अब बालाकोट एयरस्ट्राइक को लेकर दूसरी सुर्खी अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोंपियो (Mike Pompeo) ने बनाई है. साल 2019 में अमेरिका के विदेश मंत्री रहे माइक पोंपियो का दावा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध (Nuclear War) होने वाला था और दोनों देशों ने इसकी पूरी तैयारी भी कर ली थी. माइक पोंपियो ने ये दावा किस आधार पर किया? तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) के साथ माइक पोंपियो की फोन पर क्या बात हुई और कैसे संभावित परमाणु युद्ध को टाला गया, आइए जानते हैं.
आतंकी हमला और एयर स्ट्राइकतारीख थी 14 फरवरी 2019. दोपहर के 3 बज रहे थे. सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स का एक काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से गुजर रहा था. इस काफिले में 78 गाड़ियां थीं, जिनमें CRPF के 2,547 जवान सवार थे. इन जवानों को ये नहीं पता था कि जैश-ए-मोहम्मद के आंतकी CRPF काफिले के इंतजार में घात लगाए बैठे थे. पुलवामा पहुंचते ही एक बड़ा धमाका हुआ. 350 किलो विस्फोटक से भरी SUV CRPF के काफिले से टकरा चुकी थी. इस धमाके में 40 भारतीय जवान शहीद हुए थे. कश्मीर में पिछले 30 साल में ये सबसे बड़ा आतंकी हमला था.
इधर, पुलवामा हमले (Pulwama Terrorsit Attack) के 13 दिन बाद 26-27 फरवरी की रात भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के 12 मिराज विमान LoC पार कर गए. पाकिस्तान के साथ 1971 की जंग के 48 साल बाद ये पहला मौका था, जब वायुसेना ने सरहद लांघी थी. वायुसेना ने LoC से 80 किमी अंदर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर बम गिराए. दावा किया जाता है कि इस एयरस्ट्राइक में 350 आतंकी मारे गए थे. इस एयर स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच जंग के हालात बन गए थे और इसी को लेकर तब के अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने बड़ा दावा किया है.
“परमाणु युद्ध होने वाला था”माइक पोंपियो ने अपनी किताब 'नेवर गिव एन इंच : फाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव' (Never Give an Inch: Fighting for the America I Love) में दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध की कगार पर थे. पोंपियो के मुताबिक, तत्कालीन भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें बताया था कि बालाकोट हमले के बाद पाकिस्तान भारत पर परमाणु हमले की तैयारी में था. भारत ने भी इसका जवाब देने की तैयारी कर ली थी.
माइक पोंपियो ने अपनी किताब में लिखा है.
मुझे नहीं लगता कि दुनिया को इस बात का अंदाज़ा होगा कि भारत और पाकिस्तान की लड़ाई परमाणु हमले के कितने क़रीब आ गई थी. हनोई की वो रात मैं कभी नहीं भूलूंगा, ऐसा लग रहा था कि उत्तर कोरिया से परमाणु हथियार पर बातचीत करना हमारे लिए काफ़ी नहीं था, जो हमें ये देखना पड़ रहा था. भारत-पाकिस्तान एक दूसरे को धमकियां दे रहे थे.
माइक पोंपियो ने अपनी किताब में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ फोन पर हुई बातचीत का भी जिक्र किया. पोंपियो लिखते हैं,
हनोई में, मुझे भारतीय विदेश मंत्री से बात करने के लिए जगाया गया. भारतीय विदेश मंत्री का मानना था कि पाकिस्तान परमाणु हमले की तैयारी कर रहा था. उन्होंने मुझे बताया कि भारत भी अपनी तैयारी तेज करने पर विचार कर रहा है. मैंने उनसे कहा कि अभी कुछ ना करें और हमें इस मामले को सुलझाने के लिए कुछ वक़्त दें.
माइक पोंपियो ने अपनी किताब में आगे लिखा है कि परमाणु युद्ध को रोकने के लिए उस रात उन्होंने अपनी टीम के साथ भारत और पाकिस्तान की सरकारों से बात की. तब जाकर परमाणु युद्ध को टाला जा सका. बकौल माइक पोंपियो,
इस्लामाबाद और दिल्ली में मौजूद हमारी बेहतरीन टीमों के शानदार काम की बदौलत हम दोनों पक्षों को ये भरोसा दिलाने में सफल हुए कि दोनों में से कोई भी पक्ष परमाणु युद्ध की तैयारी नहीं कर रहा है. कोई भी देश उस रात वो नहीं करता, जो हमने किया ताकि ये आशंका टल सके.
हालांकि, अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री के इस दावे पर खबर लिखे जाने तक भारत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है और ना ही पाकिस्तान ने कुछ कहा है.
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