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तीसरी लहर की चेतावनी के बीच केंद्र ने राज्यों के लिए क्या निर्देश जारी किए हैं?

6 से 8 हफ्ते में तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है.

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लॉकडाउन हटते ही सार्वजनिक जगहों पर लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. तस्वीर कोलकाता की है. (फोटो-PTI)
भारत में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं. अधिकांश राज्यों ने कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन में ढील दे दी है. इसके बाद सार्वजनिक जगहों पर लोगों की भीड़ दिखाई देने लगी है. इस बीच केंद्र सरकार ने राज्यों को चेतावनी दी है. कहा है कि सावधानीपूर्वक ही एक्टिविटिज को बढ़ावा दें. केंद्र की तरफ से कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर की पांच स्तरीय रणनीति को सुनिश्चित करने की अपील की गई है. साथ ही संक्रमण की रोकथाम के लिए टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट और वैक्सीनेशन को तवज्जो देने को कहा गया है. तीसरी लहर की चेतावनी AIIMS निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है. तीसरी लहर के अगले 6 से 8 हफ्ते में दस्तक देने की बात कही है. उन्होंने, शनिवार, 19 जून को कहा,
अगर कोरोना से जुड़ी गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया गया तो तीसरी लहर 6-8 हफ्तों में आ सकती है. जरूरत है कि वैक्सीनेशन होने तक हम आक्रामक तरीके से कोरोना के खिलाफ जंग जारी रखें. अगर लोगों ने मास्क और सोशल डिस्टेन्सिंग जैसी जरूरी गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया तो मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं. कोरोना के केस बढ़ने पर सर्विलांस और जिस क्षेत्र में केस बढ़ते हैं उसकी पहचान कर वहां लॉकडाउन लगाने की भी जरूरत पड़ सकती है.
गृह मंत्रालय के निर्देश खबरों के मुताबिक गुलेरिया की इस चेतावनी के बाद केंद्र की तरफ से निर्देश दिए गए हैं. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शनिवार को राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा. उन्होंने राज्यों में टेस्ट ट्रैक और ट्रीट की रणनीति को जारी रखने के लिए कहा है. उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि टेस्टिंग रेट कम ना हो. इसके अलावा राज्यों से वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने को भी कहा है. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान कई राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े थे. कई राज्यों ने संक्रमण रोकने के लिए पाबंदियां लगाई थीं. अब कोरोना के मामले कम होने के साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पाबंदियों में छूट देनी शुरू कर दी है. गृह सचिव ने पत्र में लिखा है कि मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि पांबदियों में छूट, जमीनी हकीकत के बारे में जानने के बाद लिया जाना चाहिए. केस कम होने के बाद गतिविधियों के लिए ढील देना जरूरी है, लेकिन यह काम पूरी सतर्कता के साथ किया जाना चाहिए. पाबंदियों में छूट के दौरान यह बेहद जरूरी है कि कोरोना संबंधी नियमों का पालन किया जाए. टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और वैक्सीनेशन जरूरी है. कोरोना के नियमों के पालन की निगरानी की जानी चाहिए. मास्क, सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग, बंद जगहों पर उचित वेंटिलेशन होना चाहिए. कुछ राज्यों में सख्ती में ढील देने के बाद फिर से भीड़ जुटने लगी है. इस बात का ध्यान दिया जाना चाहिए कि ऐसी लापरवाही ना होने पाए. टेस्टिंग कम नहीं होनी चाहिए. केंद्र की तरफ से जारी सभी नियमों का पालन किया जाना चाहिए.

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