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कोर्ट पूछ रही है, कैसे मान लें कि रामवृक्ष यादव मर गया है

जेल में बैठे आदमी से जली लाश की फोटो दिखा मुर्दा पहचनवा लिया, अब कोर्ट डीएनए जांच को कह रही है.

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फोटो - thelallantop
मुबारक हो. इंडिया का बगदादी हुआ है. मरने में मिहिर वीरानी से दो मौके आगे चल रहे बगदादी की हालिया मौत सस्पेंस में हो न हो. मथुरा वाली हिंसा के कोल्हू रामवृक्ष यादव की मौत सस्पेंस में आ गई है. मथुरा की एडीजे कोर्ट ने सवाल उठाए हैं. मथुरा पुलिस ने जो शिनाख्त रिपोर्ट दी थी उसे खारिज कर दिया है. काहे कि पुलिस ने उसके घर वालों से पक्का नहीं कराया था कि लाश उसी की है. कोर्ट ने मथुरा पुलिस और सीएमओ को ऑर्डर हुमस दिया है. डेडबॉडी के अवशेषों की जांच होगी. डीएनए जांच.

फोटो देखकर हुई थी जली हुई डेडबॉडी की पहचान

एक आदमी है हरिनाथ सिंह. उसने रामवृक्ष यादव की डेडबॉडी पहचानी थी. वैसे वो कन्नौज का है पर ऐसे वो रामवृक्ष का साथी था. अभी मथुरा जेल में था. जब सो कॉल्ड बॉडी मिली रामवृक्ष की तो गाजीपुर से उसके घरवालों को नहीं बुलाया, बल्कि जेल में ही जली हुई बॉडी की फोटो हरिनाथ को दिखाकर ये कह दिया कि रामवृक्ष मर गया. जली हुई बॉडी कैसे पहचानी गई, राम जाने.

दाहिना हाथ बीवी के साथ जेल जाएगा

दूसरी तरफ रामवृक्ष का दाहिना हाथ मिल गया है. कल गिरफ्तार हो गया. नाम है चंदन बोस. वो तो पकड़ाया ही उसकी बीवी सुमन भी पकड़ाई है. इसी आदमी के लिए कहा जाता है कि इसने एसओ संतोष यादव को मारा था. आज इनका मेडिकल हुआ है और दोनों को जेल भेजने की तैयारी है.

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