ईरान में हजारों लोग सड़कों पर हैं. कई शहरों और टाउन्स में लोग वहां की सरकार और उसके मुखिया अयातुल्लाह अली खामेनेई का विरोध कर रहे हैं. वजह, वहां की करेंसी रियाल की कीमत लगातार गिर रही है. एक डॉलर की कीमत वहां 42 हजार रियाल हो गई है. बीते तीन सालों में ये ईरान का सबसे बड़ा प्रोटेस्ट है. लोग अयातुल्लाह के खिलाफ 'मुल्ला ईरान छोड़ कर जाएं', 'तानाशाह की मौत' जैसे नारे लगा रहे हैं.
'मुल्लों को मुल्क से जाना पड़ेगा' ईरान की सड़कों पर उतरी इस भीड़ के पीछे ट्रंप तो नहीं?
Iran के सुप्रीम लीडर Ayatollah Ali Khamenei के खिलाफ उन्हीं के मुल्क में हजारों की भीड़ सड़कों पर है. सवाल ये है कि ईरान में उपजे इस राजनीतिक असंतोष के पीछे कहीं अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump और उनकी खुफिया एजेंसी CIA का हाथ तो नहीं?
.webp?width=360)

9 करोड़ से भी अधिका आबादी वाले ईरान में फाइनेंशियल संकट और कानून-व्यवस्था, दोनों की हालत खराब है. पहले से ही ईरान, इजरायल और अमेरिका द्वारा उसके न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला और डॉनल्ड ट्रंप की 'मैक्सिमम प्रेशर' पॉलिसी का असर झेल रहा है. असर से उबरने की कोशिश कर रहा है. इस बीच यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये प्रदर्शन सिर्फ रियाल में गिरावट के कारण हो रहे हैं, या वह राजनीतिक फायदा है जिसे अमेरिका लंबे समय से चाहता था. लेकिन कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि न्यूक्लियर साइट्स पर हमले के बाद अमेरिका खासकर वहां सत्ता परिवर्तन चाहते हैं.
सोशल मीडिया पर कई ऐसी पोस्ट्स हैं जो इस ओर इशारा करती हैं. इंडिया टुडे के मुताबिक ईरानी प्रवासियों द्वारा शेयर की जा रही एक तस्वीर में तेहरान हाईवे के बीच में एक आदमी बिना हिले-डुले बैठा दिख रहा है. वहीं मोटरसाइकिल पर सवार सरकारी सेना विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए आगे बढ़ रही है. यूनाइटेड अगेंस्ट न्यूक्लियर ईरान (UANI) के पॉलिसी डायरेक्टर जेसन ब्रोडस्की ने अकेले आदमी की इस तस्वीर की तुलना 1989 में तियानमेन स्क्वायर विरोध प्रदर्शनों को चीन द्वारा बेरहमी से कुचलने की मशहूर तस्वीर से की है. कई ईरानी एक्सपर्ट्स ने यह भी दावा किया कि सड़कों पर शाह के समर्थन में नारे लगाए गए हैं. शाह को 1979 में खामेनेई के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों ने सत्ता छोड़ने पर मजबूर कर दिया था.

इस बीच, ईरान की सरकारी मीडिया IRNA ने विरोध प्रदर्शन होने की बात को तो माना, लेकिन येे साफ समझ में आ रहा है कि सरकारी मीडिया उन्हें कम करके दिखाने की कोशिश में है. सरकार द्वारा संचालित IRNA ने इस अशांति को धार्मिक शासन प्रणाली के खिलाफ मानने से इंकार कर दिया है. IRNA ने कहा कि ये प्रदर्शन आर्थिक शिकायतों को लेकर हो रहे हैं. IRNA ने रिपोर्ट किया कि ये विरोध प्रदर्शन मोबाइल फोन बेचने वालों द्वारा किए गए थे, जो रियाल की कीमत में भारी गिरावट से परेशान थे.
वीडियो: दिल्ली ब्लास्ट के बाद विदेश से आ रही प्रतिक्रियाएं, जानें चीन, ईरान और अमेरिका ने क्या कहा?

















.webp)
.webp)



