मणिपुर यौन उत्पीड़न मामले में एक महिला के पति ने बताया है कि ये सब पुलिस के सामने हुआ था. 4 मई की घटना पर महिला के पति ने कहा कि जब शिकायत के कुछ दिन बाद हम पुलिस स्टेशन गए, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. हम चाहते हैं कि भारत सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और हमें न्याय दिलाए. 19 जुलाई को 4 मई की घटना का वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो सामने आने के बाद कार्रवाई शुरू हुई. पुलिस ने अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.
मणिपुर वीडियो पर महिला के पति का बयान आया, बोले- 'सब पुलिस के सामने हुआ, कोई कार्रवाई नहीं हुई'
"जंगल में छिपे थे लेकिन भीड़ वहां से पकड़कर सबको ले गई."

4 मई को जिन महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न हुआ उनमें से एक महिला के पति ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि 3 तारीख की रात को ही उनके गांव में हमला हुआ था. पुलिस वाले को उसी दिन जानकारी भी दी थी. लेकिन कुछ नहीं किया गया. उन्होंने बताया,
“अगले दिन 4 मई को हजारों लोगों ने आकर गांव में आकर हमला किया. चर्च में तोड़फोड़ की गई, कई घरों में आग लगा दी गई. पालतू जानवरों को काटने लगे. गांव जलने के बाद हम तीन परिवार घर छोड़कर पास के गांव के जंगल में छिपे हुए थे. हम जहां छिपे थे, उधर से ही हमला करने वाले भी गांव जलाने के बाद लौट रहे थे. उसी दौरान उन्होंने भेड़-बकरियों पर भी हमला किया. ये जानवर भागते हुए हमारी तरफ आ गए. फिर हमलावरों ने हमें भी वहां देख लिया. हम सभी को वे पकड़कर अलग-अलग जगहों पर ले गए."
जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें दिखता है कि भीड़ दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कर रहा रही है. भीड़ में शामिल कई लोग उन महिलाओं के शरीर को जबरन हाथ लगा रहे हैं.
पीड़ित महिला के पति ने आगे बताया,
“मेरी पत्नी के साथ एक और लड़की भी उनमें थीं. वे लोग हजार की संख्या में थे. भीड़ ने दोनों के कपड़े उतरवा दिये. इससे पहले पुलिस की जीप ने इन लोगों को गाड़ी में बैठाया था. लेकिन पुलिस ने फिर वहीं उतार दिया. फिर उनलोगों ने सबको छूने लगे. लड़की के भाई और पिता ने जब उसे बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उन दोनों को मार डाला. जब मैंने पत्नी को बचाने की कोशिश की तो उन्होंने मुझे भी जान से मारने की धमकी दी.”
4 मई को महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न की ये घटना थाउबल जिले की है. जिस जगह ये घटना हुई, वहां से थाउबल का नोंगपोक सेकमाई थाना एक किलोमीटर दूर है. पुलिस स्टेशन पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि 'जीरो FIR' दर्ज होने के एक महीने तक भी यहां घटना का केस दर्ज नहीं हुआ था.
वीडियो: मणिपुर वीडियो मामले के बाद अब्दुल खान का नाम वायरल क्यों? पूरा सच मुंह बंद कर देगा