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मणिपुर में 7 लोगों की मौत का म्यांमार कनेक्शन? सुरक्षा सलाहकार ने क्या कह चिंता बढ़ा दी?

18 जनवरी को घाटी के इलाकों में उग्रवादियों की गोलीबारी में एक पिता और पुत्र सहित कुल चार लोगों की मौत हो गई. वहीं विष्णुपुर में तीन और कांगचुप में एक व्यक्ति की गोली मार कर हत्या कर दी गई है.

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मणिपुर में अब तक कीं सुरक्षा बलों के जवानों की हत्या हो चुकी है. (प्रतीकात्मक फोटो- PTI)

मणिपुर में हिंसा (manipur violence) फिर उग्र हो चली है. बीते दो दिनों में उग्रवादियों के हमले (militants attack in moreh) में सुरक्षा बलों के दो जवानों सहित कुल 7 लोगों की मौत (manipur commando killed) हो चुकी है, जबकि कई जवान और आम लोग घायल हुए हैं. मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा है कि मणिपुर और म्यांमार के सीमावर्ती शहर मोरेह में कल हुए हमले में ‘म्यांमार के कुछ उग्रवादी शामिल हो सकते हैं, लेकिन अभी तक इसका कोई सबूत नहीं है.’

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कुलदीप सिंह  क्या बोले?

मणिपुर में हालात अस्थिर हैं. गुरुवार, 18 जनवरी को घाटी के इलाकों में उग्रवादियों की गोलीबारी में एक पिता और पुत्र सहित कुल चार लोगों की मौत हो गई. वहीं विष्णुपुर में तीन और कांगचुप में एक व्यक्ति की गोली मार कर हत्या कर दी गई है. NDTV की  एक खबर के मुताबिक, कुलदीप सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा,

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"कल (17 जनवरी) की सुबह बड़ी तादाद में कुकी उग्रवादियों ने तीन जगहों पर बनीं कमांडो पोस्ट्स पर गोलीबारी शुरू कर दी. कमांडो कम ऊंचाई पर हैं, जबकि उग्रवादी ज्यादा ऊंचाई से हमला कर रहे हैं. कमांडोज चुप बैठे हैं. हमने तय किया है कि कमांडोज को और ऊंचे इलाकों में तैनात किया जाना चाहिए."

कुलदीप सिंह ने ये भी कहा,

"मोरेह में म्यांमार के विद्रोही समूह पीपल्स डिफेंस फ़ोर्स (PDF) के उग्रवादी और शायद म्यांमार की तरफ से कुछ अन्य हमलावर, मोरेह में सुरक्षा बलों पर हमला कर सकते हैं. सुरक्षा बल तैयार हैं. हमले कई दिनों से हो रहे हैं, लेकिन गोलियों की आवाज दूर-दराज के इलाकों से आ रही है. लेकिन कल गोलियों की आवाज आसपास के इलाके से आने लगी. पुलिस कमांडो, BSF और असम राइफल्स ने हमला रोकने की कोशिश की. लेकिन दो कमांडोज की मौत हो गई. ऐसी आशंका है कि विद्रोही म्यांमार से आए होंगे, लेकिन अभी इसका कोई सुबूत नहीं है. खुफिया जानकारी मिली है कि इन हमलों में PDF भी शामिल जो सकता है और सुरक्षा बलों पर हमला कर सकता है."

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मोरेह में हिंसा क्यों हो रही है?

मोरेह में सशस्त्र बदमाशों और सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम के बीच भारी क्रॉस फायरिंग चल रही है. इस टीम में असम राइफल्स, गोरखा रेजिमेंट, BSF, स्पेशल कमांडो, मोरेह कमांडो, 5वीं और 6वीं IRB विंग और 8 मणिपुर राइफल्स (MR) के जवान शामिल हैं.

बता दें कि कुछ दिन पहले एक पुलिस अधिकारी की हत्या हुई थी. उसके बाद मणिपुर प्रशासन ने 16 जनवरी की सुबह से टेंगनौपाल इलाके में कर्फ्यू लगा दिया था. उसके बाद अब फिर से उग्रवादियों ने हमले किए हैं. पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में SDPO सीएच आनंद की हत्या के दो मुख्य संदिग्धों फिलिप खोंगसाई और हेमोखोलाल मेट को गिरफ्तार किया था. दोनों ने सुरक्षाकर्मियों की गाड़ियों पर गोलीबारी की थी, जिसके बाद पुलिस ने पीछा करके उन्हें पकड़ लिया था.

16 जनवरी को कुकी समुदाय से जुड़ी संस्था कुकी इनपी तेंगनौपाल (KET) ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन को 24 घंटे के भीतर संस्था से जुड़े फिलिप खोंगसाई और हेमखोलाल मेट को किसी भी हालत में रिहा करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो प्रशासन गंभीर परिणाम भुगतेगा. इसकी जिम्मेदारी सरकार और जिला प्रशासन की होगी. मोरेह के इलाके में कुकी समुदाय के लोग चाहते हैं कि सुरक्षा बल पीछे हटें. उनका आरोप है कि 'सुरक्षा बलों ने मोरेह में उनके घरों को जलाया है और उन्हें प्रताड़ित किया है.'

खबर के मुताबिक, मणिपुर सरकार का कहना है कि वह सीमावर्ती शहर मोरेह से विद्रोहियों को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रही है, जबकि मोरेह में कुकी जनजातियों का आरोप है कि सरकार मणिपुर हिंसा को खत्म करने के तरीके पर राजनीतिक बातचीत शुरू होने से पहले ही इस इलाके पर कब्जा करना चाहती है. कुकी महिला संघ की मानवाधिकार नेता नगैनेइकिम हाओकिप (Ngaineikim Haokip) ने आरोप लगाया है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ‘एन बीरेन सिंह कुकी जनजातियों को मणिपुर के लोगों के रूप में मान्यता नहीं देते हैं.’

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