उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में एक ज्वैलरी शॉप में लूट के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. एनकाउंटर करने वाली STF की एक कथित तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. तस्वीर में एक व्यक्ति चप्पल में खड़े दिख रहा है. बताया जा रहा है कि ये व्यक्ति टीम को लीड करने वाले DSP डीके शाही हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि आख़िर आरोपी का चप्पल में कैसे पीछा किया गया? वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एनकाउंटर को ही नकली बता दिया है. साथ ही, DSP डीके शाही को सम्मानित किए जाने पर भी सवालों का दौर जारी है.
चप्पल में पुलिसवाले... इस एनकाउंटर में घिरे UP पुलिस के डिप्टी SP, अखिलेश बोले- 'जात देखकर जान ली'
Sultanpur Encounter News : Akhilesh Yadav ने कहा है कि समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है. वहीं, DSP DK Shahi की भी मामले पर प्रतिक्रिया आई है.

अखिलेश यादव ने डकैती में शामिल लोगों और सत्ता पक्ष के लोगों के बीच सामंजस्य होने की बात कह दी. X पर पोस्ट कर उन्होंने लिखा,
लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था. इसीलिए नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी. ‘जात’ देखकर जान ली गयी है. जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है, तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए. समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है. BJP राज अपराधियों का अमृतकाल है.
एक और पोस्ट में अखिलेश ने मेडिकल रिपोर्ट में बदलाव करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया. लिखा,
दो दिन पहले जिसको उठाया और एनकाउंटर के नाम पर बंदूक़ सटाकर गोली मारकर हत्या की गयी. अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव डाला जा रहा है. इस संगीन अपराध पर सुप्रीम कोर्ट तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले की सबूत मिटा दिये जाएं.
अखिलेश यादव के X पोस्ट के बाद समाजवादी पार्टी के कई नेता भी मंगेश यादव के घर पहुंचे थे. इन नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार पुलिस की मदद से यादव, मुस्लिम और बैकवर्ड क्लास को टारगेट बना रही है. सरकार से ये पूछा जाना चाहिए कि क्या यादव और मुस्लिम आयातित लोग हैं.
आजतक की ख़बर के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश के DSP और STF के सीओ डीके शाही को भी सम्मान दिया गया है. ये सम्मान समारोह सुल्तानपुर बॉलीबॉल ने आयोजित किया था. यहां शाही से मंगेश यादव एनकाउंटर को लेकर भी सवाल किए गए. इस पर उन्होंने बताया,
अब उत्तर प्रदेश से ऑर्गनाइज़्ड क्राइम ख़त्म कर दिया गया है. छिटपुट ही घटनाएं हो रही हैं. जो जेल जाने लायक है, उसे जेल भेजा जा रहा और जो पुलिस पर गोली चला रहे हैं, उनको जवाब दिया जा रहा है. 28 अगस्त को सुल्तानपुर ज्वेलर्स में हुई डकैती को लेकर शहर दहशत में था. तभी से STF की टीम और ज़िला पुलिस मामले में लगी थी. 5 सितंबर को गिरफ़्तारी के दौरान बदमाशों ने हमारी टीम पर फ़ायरिंग की. इसमें हमारे लोग बाल-बाल बचे. जवाबी फ़ायरिंग में एक बदमाश मारा गया और एक भागने में कामयाब हो गया. अन्य बदमाशों की तलाश जारी है.
अखिलेश यादव के जाति वाले X पोस्ट पर जब शाही से जवाब मांगा गया, तो उन्होंने कहा कि सब की अपनी-अपनी राय है. अब क्या ही कहा जाए.
घरवालों ने क्या बताया?आजतक की टीम ने मंगेश यादव के घरवालों से भी बात की. इस बातचीत में मंगेश की बहन प्रिंसी ने बताया कि 2 सितंबर की देर रात सादी वर्दी में पुलिस वाले मंगेश को पूछताछ के लिए ले गए. घर की भी तलाशी ली गई. फिर सीधे उन्हें 5 सितंबर को मंगेश एनकाउंटर की ख़बर मिली. मंगेश के पिता राकेश ने बताया, ‘ख़बर दी गई कि आपके बेटे का शव पोस्टमॉर्टम हाउस में पड़ा हुआ है.’
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इनाम रखे जाने की टाइमिंग पर भी सवालमंगेश यादव पर कुल 7 मुकदमे दर्ज थे. ये चोरी, लूट और डकैती के मामले थे. 2 सितंबर को IG रेंज(अयोध्या) प्रवीण कुमार की तरफ़ से मंगेश यादव पर 50 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया गया. फिर 4 सितंबर को ADG जोन लखनऊ एसबी शरोडकर की तरफ़ से कुल 10 बदमाशों पर 1-1 लाख का इनाम घोषित हुआ. इनमें मंगेश का नाम भी शामिल था. ऐसे में ये पूछा जा रहा है कि एनकाउंटर से एक दिन पहले (गिरफ़्तारी के बावजूद) इनामी घोषणा बढ़ाने का क्या मतलब है.
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