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शेर के बाड़े में पैर लटकाकर बैठ गया युवक, लोगों की सूझबूझ से मौत के मुंह में जाते-जाते बचा

घटना का वीडियो भी सामने आया है

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शेरों के बाड़े में शिलाखंड़ पर बैठा युवक और नीचे शेर. (वीडियो का स्क्रीनशॉर्ट)
हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में एक बड़ा हादसा होने से बच गया. यहां मंगलवार, 23 नवंबर को एक व्यक्ति शेरों के बाड़े में जाकर शिलाखंड पर बैठ गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युवक ने शिलाखंड से नीचे कूदने की कोशिश की, लेकिन समय रहते उसे पकड़ लिया गया. इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. क्या है मामला? घटना दोपहर करीब 3:30 बजे की है. 31 साल का युवक जिसका नाम जी साई कुमार है, वह शेर के बाड़े के चारों तरफ बने शिलाखंड़ पर बैठ गया. युवक जहां बैठा था, वह अफ्रीकन लॉयन का बाड़ा था. यह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है. इंडिया टुडे के आशीष पांडेय की रिपोर्ट के मुताबिक, युवक शिलाखंड पर बैठ गया और बाड़े में कूदने की कोशिश करने लगा. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि युवक बैठा है और बाड़े में शेर घूम रहा है. शेर एक बार युवक को देखकर उस पर छलांग लगाने की कोशिश भी करता है. लोगों ने शोर मचाया जिसके बाद चिड़ियाघर के कर्मचारी हरकत में आए और युवक को वहां से ले गए. इसके बाद युवक को हैदराबाद पुलिस को सौंप दिया गया. पूछताछ में पता चला है कि युवक कीसरा इलाके का रहने वाला है और उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है. पहले भी आए हैं इस तरह के मामले न्यूज मिनट के मुताबिक, हैदराबाद चिड़ियाघर में इसी तरह का एक मामला साल 2016 में सामने आया था. एक व्यक्ति ने शेरों के बाड़े में छलांग लगा दी थी. युवक शेरों से हाथ मिलना चाहता था. तब शेर से कुछ कदम पहले ही चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने युवक को पकड़ लिया था. इसके बाद उस व्यक्ति पर जुर्माना लगाया गया था और चार महीने की जेल भी हुई थी. इसी तरह का एक मामला 2019 में दिल्ली में आया था. दिल्ली के चिड़ियाघर में भी एक युवक शेर के बाड़े में चला गया था. उसने शेर के साथ सेल्फी भी ली थी. समय रहते चीड़िया घर के कर्मचारियों ने उसे बाहर निकाला था. युवक के बारे में पता चला था कि वह मानसिक रूप से कमजोर था. वहीं, 2014 में दिल्ली के चिड़ियाघर में 20 साल का युवक सफेद बाघ के 18 फुट गहरे बाड़े में कूद गया था. मकसूद नाम का यह युवक करीब 15 मिनट तक बाड़े में जिंदा रहा. करीब 10 मिनट तक वह बाघ के सामने हाथ जोड़कर बैठा रहा, जान बख्श देने की भीख मांगता रहा. बाघ ने उसे चार-पांच बार हल्के पंजे मारे और वापस लौट गया. इस बीच बाड़े के बाहर जमा हुई भीड़ ने शोर मचाना शुरू कर दिया. इसके बाघ वापस लौटा और उसने मकसूद की जान ले ली.