The Lallantop

बलात्कारी गुरमीत राम रहीम परोल पर जेल से बाहर आया, महुआ मोइत्रा का बयान वायरल हो गया!

गुरमीत राम रहीम परोल पर जेल से बाहर आया. सत्संग किया. उसमें बीजेपी की नेता ने कहा- "पिताजी, आशीर्वाद बना रहे."

Advertisement
post-main-image
(बाएं-दाएं) गुरमीत राम रहीम और महुआ मोइत्रा. (तस्वीरें- यूट्यूब और ट्विटर)

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने गुरमीत राम रहीम को परोल दिए जाने के फैसले को लेकर बीजेपी से सवाल किया है. सवाल क्या है, ये बताने से पहले गुरमीत राम रहीम का शर्मनाक इतिहास बता देते हैं. वो रेप और हत्या का दोषी है. 2017 में उसे अपनी दो अनुयायियों का रेप करने के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई थी. बाद में अक्टूबर 2021 में हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा दी गई. पांच साल से गुरमीत हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है. उसे बार-बार परोल मिलती रही है. अभी फिर मिली है. हरियाणा में बीजेपी के नेतृत्व वाली मनोहर लाल खट्टर सरकार ने बीती 14 अक्टूबर को डेरा प्रमुख की परोल को मंजूरी दी थी. अगले दिन 15 अक्टूबर को वो जेल से बाहर आया और बखेड़ा हो गया.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
महुआ मोइत्रा का बीजेपी पर हमला

खुद को संत बताने वाले गुरमीत राम रहीम पर रेप और हत्या के अलावा और भी संगीन आरोप साबित हो चुके हैं. इनमें आश्रम के पुरुष अनुयायियों को नपुंसक बनाने का मामला भी शामिल है. जाहिर है उसे बार-बार परोल मिलना कई लोगों के मन में सवाल खड़े करता है. ताजा परोल को लेकर भी हंगामा बरपा है. बीजेपी के सभी राजनीतिक विरोधियों ने खट्टर सरकार के इस फैसले को लेकर उसे घेरा है. इसी कड़ी में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का एक ट्वीट वायरल हो गया है. इसमें उन्होंने लिखा है,

“अब आगे क्या- क्या बीजेपी राष्ट्रीय अवकाश के रूप में ”बलात्कारी दिवस" की घोषणा करने वाली है? रेप के दोषी राम रहीम को फिर परोल मिल गई. वो सत्संग कर रहा है जिसमें हरियाणा बीजेपी के नेता शामिल होते हैं."

Advertisement

दरअसल जेल से बाहर आने के बाद गुरमीत राम रहीम ने ऑनलाइन सत्संग किए हैं. मंगलवार, 18 अक्टूबर को ऐसे ही एक सत्संग में गुरमीत के कई भक्तों ने उसका ऑनलाइन आशीर्वाद लिया. इनमें बीजेपी नेता और करनाल की मेयर रेणू बाला गुप्ता भी शामिल रहीं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक करीब ढाई घंटे चले इस सत्संग में कई स्थानीय नेताओं ने हिस्सा लिया. इस दौरान रेणू बाला गुप्ता ने डेरा प्रमुख को "पिताजी" कहकर संबोधित किया और कहा कि "आशीर्वाद बनाए रखिएगा". गुरमीत राम रहीम के अनुयायी उसे "पिताजी" कहकर ही बुलाते हैं.

दरअसल गुरमीत को ऐसे समय में परोल दी गई है जब पंजाब की अदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव और हरियाणा में पंचायत चुनाव होने में ज्यादा समय नहीं रह गया है. माना जाता है कि दोनों ही राज्यों के कई मतदाताओं पर गुरमीत की पकड़ है. इसलिए विपक्ष की तरफ से सवाल उठ रहे हैं कि क्या वोटरों को प्रभावित करने के लिए बीजेपी और उसकी राज्य सरकार डेरा प्रमुख को जेल से बाहर लेकर आई है. हालांकि हरियाणा सरकार का कहना है कि गुरमीत को "नियमित प्रक्रिया" के तहत परोल दी गई है जो "एक अपराधी का कानूनी हक है".

जेल से बाहर आने के बाद बागपत पहुंचे गुरमीत राम रहीम ने अपने भक्तों के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया. इसमें उसने कहा,

Advertisement

"जैसा आपको बताया गया, विश्वास बनाए रखो. जिम्मेदार लोगों ने जो आपसे कहा है वो करो. मैं आश्रम पहुंच गया हूं. भगवान सबको खुश रखे. जैसा पहले बताया गया था उस पर आस्था रखो. मुझे मेरे बच्चों (भक्तों) पर बहुत गर्व है. वो जो परमपिता, परमात्मा है, आपको सबको खुश रखे... आप सब देख ही रहे हैं. मैं आपसे बात करता रहूंगा."

कहा जा रहा है कि गुरमीत का ये संदेश उसके अनुयायियों के लिए आदेश था जो उन्हें पहले ही दे दिया गया था. विपक्षी दल इसे चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं. हालांकि डेरा के पदाधिकारियों का कहना है कि गुरमीत राम रहीम के शब्दों में कोई राजनीतिक संदेश नहीं था. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक आश्रम के एक पदाधिकारी ने बताया कि डेरा प्रमुख केवल ये कहना चाहते थे कि उनके भक्त शांति बनाए रखें और आश्रम में इकट्ठा ना हों.

आगामी 30 अक्टूबर, 2 नवंबर और 9 नवंबर को हरियाणा में जिला परिषद, पंचायत समिति के सदस्यों और सरपंच पदों के चुनाव के लिए वोटिंग होगी. वहीं 3 नवंबर को पंजाब के अदमपुर में उपचुनाव के लिए मतदान किया जाएगा.

गुरमीत राम रहीम को परोल मिली, किसी को खबर तक नहीं लगी

Advertisement