वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith) ने एक गेस्ट लेक्चरर (Guest Lecturar) को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. टीचर ने नवरात्रि (Navratri) को लेकर महिलाओं के लिए एक पोस्ट लिखा था. गेस्ट लेक्चरर को बर्खास्त करने के साथ-साथ विश्वविद्यालय परिसर में उनके प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
टीचर ने लिखा- नवरात्रि में व्रत करने की जगह संविधान पढ़ो; यूनिवर्सिटी ने नौकरी से निकाल दिया
टीचर ने लिखा था कि महिलाओं को नवरात्र वत्र रखने की जगह नौ दिन भारतीय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ना चाहिए.


गेस्ट लेक्चरर का नाम मिथिलेश कुमार गौतम है. उन्होंने फेसबुक पर लिखा था,
'नौ दिन के नवरात्र व्रत से अच्छा है कि महिलाएं नौ दिन भारतीय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ लें, उनका जीवन गुलामी और भय से मुक्त हो जाएगा. जय भीम.'
इस पोस्ट को लेकर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का कहना है कि ये हिंदू धर्म के खिलाफ है और इससे विश्वविद्यालय का माहौल खराब हो रहा है. विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉक्टर सुनीता पांडे ने अपने आदेश में कहा,
'डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम, अतिथि अध्यापक, राजनीतिक शास्त्र विभाग द्वारा हिंदू धर्म के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट के संबंध में विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा दिनांक 29.09.2022 को शिकायती पत्र प्राप्त हुआ. डॉ. गौतम द्वारा किये गये कृत्य के कारण विश्वविद्यालय परिसर के छात्रों में आक्रोश व्याप्त है तथा विश्वविद्यालय का वातावरण खराब होने, परीक्षा एवं प्रवेश बाधित होने की आशंका है.'
आदेश में आगे लिखा गया,
‘इस संबंध में मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि विश्वविद्यालय नियमावली के तहत डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम को तत्काल प्रभाव से पदच्युत (बर्खास्त) करते हुए, विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा को देखते हुए परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाता है.’
इस मामले को लेकर सोशल माडिया पर गहरी नाराजगी जताई जा रही है. लोगों ने सवाल उठाया है कि आखिर मिथिलेश कुमार ने ऐसा क्या ही लिख दिया था कि उन पर इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है.
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