The Lallantop

कल्पना लाज़मी, जिनके इलाज के लिए आमिर खान से लेकर आलिया भट्ट तक लाइन में खड़े हो गए

आलिया और सोनी राजदान ने कल्पना के आखिरी दिनों तक डायलिसिस के पैसे भरे.

Advertisement
post-main-image
एक फोटोशूट के दौरान आमिर खान और आलिया भट्ट. बीच में कल्पना लाजमी.
कल्पना लाज़मी नाम की एक चर्चित फिल्ममेकर हुआ करती थीं. उन्होंने अपनी लाइफ में बड़ा गिना-चुना मगर क्वॉलिटी काम किया. अपने करियर में 'रुदाली', 'दरमियां' और 'दमन' जैसी फिल्में बनाईं, जिन्हें रियलिस्टिक और पैरलल सिनेमा माना गया. 2018 में कल्पना की किडनी के कैंसर से मौत हो गई. अब कल्पना की मां और मशहूर पेंटर ललिता लाज़मी ने अपनी बेटी के बारे में बात की है. ललिता ने बताया कि कैसे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े तमाम लोगों ने कल्पना के इलाज में आखिर तक मदद की.
ललिता ने अपने हालिया इंटरव्यू में बताया कि कल्पना आखिरी दिनों में रेगुलर डायलिसिस पर थीं. क्योंकि उनकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया था. इस सब में बहुत खर्चा हो रहा था. मगर वो काफी हद तक उनके मेडिकल इंश्योरेंस में कवर हो जाता था. मगर जब उन्हें आर्थिक मदद की ज़रूरत पड़ी, तो सबसे पहले आमिर खान आगे आए. पिंकविला से बात करते हुए ललिता ने बताती हैं-
''आमिर खान वो पहले शख्स थे, जो मदद को आगे आए. उन्होंने सीधे कल्पना के अकाउंट में चेक भेजा. कुछ अन्य डायरेक्टरों ने भी कॉन्ट्रिब्यूट किया. सोनी राजदान और आलिया भट्ट ने उनकी डायलिसिस के लिए आखिर तक पे किया. वो दोनों कल्पना के बेहद करीब थीं. आलिया तो कल्पना के सामने ही पैदा हुई थी. जिन्होंने भी मदद की मैं उन सबके प्रति आभार जताती हूं.''
फिल्म 'दमन' के सेट पर रवीना टंडन के साथ कल्पना लाजमी (सबसे दाएं नीले कुर्ते में).
फिल्म 'दमन' के सेट पर रवीना टंडन के साथ कल्पना लाज़मी (सबसे दाएं नीले कुर्ते में).


नवंबर 2017 में कल्पना ने खुद कई बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ को उनकी मदद करने के लिए धन्यवाद कहा था. उन्होंने पीटीआई से बात करते हुए कहा था-
''आमिर खान से लेकर इंडियन फिल्म एंड टेलीविज़न डायरेक्टर्स असोसिएशन, रोहित शेट्टी, सलमान खान, करण जौहर, सोनी राजदान, आलिया भट्ट और नीना गुप्ता, इन सब लोगों ने मेरी मदद की. ये लोग ऐसे समय में मेरी मदद करने को आगे आए, जब मैं अपने जीवन के सबसे बुरे दौर से गुज़र रही थी. मैं अपनी फिल्म फ्रैटरनिटी की शुक्रगुज़ार हूं, जो इस फेज़ में मेरे साथ खड़ी रही. मेरी मां, मेरा भाई और श्याम बेनेगल लगातार मेरे साथ खड़े रहे.''
कल्पना ने अपने करियर की शुरुआत श्याम बेनेगल के असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की थी. वो उनकी फिल्म 'भूमिका' से बतौर असिस्टेंट कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर जुड़ी हुई थीं. कल्पना ने 1978 में 'डी. जी. मूवी पायनियर' नाम की डॉक्यूमेंट्री से बतौर डायरेक्टर अपना करियर शुरू किया. उनकी पहली फीचर फिल्म थी 1986 में आई 'एक पल' जिसमें नसीरुद्दीन शाह, शबाना आज़मी और फारूख शेख ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं. 2006 में आई सुष्मिता सेन स्टारर 'क्यों' कल्पना लाज़मी की आखिरी फिल्म साबित हुई.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स
Advertisement