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कोरोना ने एक और दिग्गज एक्टर को हमसे छीन लिया, ललित बहल नहीं रहे

'तितली' के जल्लाद पिता के रूप में उन्हें याद रखा जाएगा.

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संभावना है कि ललित बहल कोरोना से जूझ रहे थे, लेकिन इस बात की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है. फोटो - ट्विटर
‘तितली’ और ‘मुक्ति भवन’ जैसी क्रिटिकली अकलेम्ड फिल्मों में काम कर चुके एक्टर ललित बहल का 23 अप्रैल को निधन हो गया. पिछले कुछ समय से वो कोरोना से जूझ रहे थे. इसी के चलते उन्हें हॉस्पिटल में भी एडमिट किया गया था. ‘मुक्ति भवन’ में उनके को-एक्टर रहे अनिल रस्तोगी ने ये दुखद समाचार अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया. लिखा,
संजय जी से अभी पता चला कि ललित बहल जी हमें छोड़ कर चले गए. एक उम्दा कलाकार के तौर पर मैं उन्हें काफी लंबे समय से जानता था. लेकिन मुझे उनके साथ काम करने का सौभाग्य शुभाशीष भूटियानिस की अवॉर्डेड फिल्म ‘मुक्ति भवन’ में मिला. ये सच में सौभाग्य की बात थी कि मुझे उनके और उनकी पत्नी नवनीन्द्र जी के साथ काम करने का मौका मिला. मुझे नहीं पता उस ऊपरवाले की क्या मर्ज़ी है. इतने करीबी दोस्त और रिश्तेदार दुनिया से दूर जा रहे हैं. हे भगवान! कृपा करो. आपने हमें बहुत सज़ा दे दी. हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगते हैं. सब पर कृपा करो. नवनीन्द्र जी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मेरी पूरी संवेदनाएं हैं. उनकी आत्मा की शांति मिले.
कोरोना से जुड़ी कॉम्प्लिकेशन की वजह से उनकी डेथ हो गई. ये बात खुद उनके बेटे और ‘तितली’ के डायरेक्टर कानू बहल ने कंफर्म की. इंडियन एक्स्प्रेस से बात करते हुए कानू ने बताया,
आज उनका देहांत हो गया. उन्हें पिछले एक हफ्ते से कोरोना था. जो और बिगड़ता चला गया. उन्होंने दिल से जुड़ी बीमारियों की शिकायत थी. जिस वजह से और नुकसान हो गया. उन्हीं दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था.  
कानू ने पिछले हफ्ते एक ट्वीट भी किया था. जहां उन्होंने पिता के लिए प्लाज़्मा की मांग की थी. हालांकि, बाद में प्लाज़्मा डोनर मिलने पर ट्वीट डिलीट कर दिया था. फिर 18 अप्रैल को एक और ट्वीट कर लिखा,
अपडेट: प्लाज़्मा डोनर मिल गया है. आप सभी का मदद के लिए शुक्रिया.
पिता के देहांत के बाद कानू ने 24 अप्रैल की सुबह उन्हें याद किया. एक फेसबुक पोस्ट के जरिए. लिखा,
माटी से अग्नि तक. वो इस धरती पर आए और उन सभी लोगों के साथ खड़े रहे, जिनके साथ खड़े रहने की उन्हें जरूरत थी. एक भ्रूभंग, कुछ मुस्कानें और हसीं. अपने इमोशंस को अपनी बाजू पर पहना. यादें बनाई. इमोशन बनाए. मेरा सबसे बड़ा तोहफा था उनके बगल में खड़े होकर उनसे सीखना. हमेशा उन्हें एक जंग लड़ते हुए देखा. अंत समय तक भी. उम्मीद करता हूं कि आप एक खूबसूरत जगह पर होंगे डैड. मैं आपको मिस करता हूं. ललित बहल (15 अगस्त 1949 – 23 अप्रैल 2021)
बता दें कि एक्टिंग के अलावा ललित बहल ‘वेद व्यास के पोते’ और ‘अफ़साने’ जैसे टीवी शोज़ भी डायरेक्ट कर चुके हैं. वहीं, उनके बेटे कानू मनोज बाजपेयी के साथ ‘डिसपैच’ नाम की फिल्म पर काम कर रहे हैं.

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