The Lallantop

3 Idiots वाले असली फुंसुक वांगड़ू ने PM मोदी से क्यों कहा- "All is Not Well..."

सोनम वांगचुक ने वीडियो शेयर किया है.

Advertisement
post-main-image
लद्दाख ऐक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और प्रधानमंत्री मोदी (तस्वीर - यूट्यूब/आजतक)

सोनम वांगचुक. शिक्षक हैं और लद्दाख (Laddakh) में समाज सुधार के काम करते हैं. इन्हीं से प्रेरित होकर '3-इडियट्स' के रैंचो का किरदार बनाया गया था. सोनम (Sonam Wangchuk) का अपना यूट्यूब चैनल है. हाल ही में उन्होंने एक वीडियो डाला. टाइटल रखा है: 'ऑल इज़ नॉट वेल इन लद्दाख'. वीडियो में सोनम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से लद्दाख की सुरक्षा सुनिश्चित करनी की अपील की. अपील के साथ उन अध्ययनों का हवाला दिया, जिसमें ये बात है कि लद्दाख में लगभग दो-तिहाई ग्लेशियर विलुप्त हो रहे हैं.

Advertisement

इसके लिए सोनम वांगचुक पांच दिन की 'पर्यावरण भूख हड़ताल' पर बैठने जा रहे हैं. 26 जनवरी से ये हड़ताल शुरू होगी. जहां सोनम ये हड़ताल करने वाले हैं, वो समुद्र तल से 18,000 फीट की ऊंचाई पर है. और, यहां रात में तापमान क़रीब -40 डिग्री के आस-पास रहता है.

लद्दाख को तिब्बत बना रही है सरकार?

रविवार, 22 जनवरी को उन्होंने एक वीडियो डाला. 18,000 फ़ीट पर खार्दुंगला दर्रे से. कहा कि वो लद्दाख के मन की बात सुना रहे हैं. पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहलों की तारीफ़ की. उन्होेंने कहा कि ऐसे वक़्त में जब ज़्यादातर वर्ल्ड लीडर्स क्लाइमेट क्रिमिनल्स नज़र आते हैं, प्रधान मंत्री ने इस दिशा में काम किया है. लेकिन ये भी कहा कि अगर इसी तरह की लापरवाही जारी रही, तो लद्दाख के ग्लेशियर ख़त्म हो जाएंगे. देश और पड़ोस में पानी की कमी की वजह से भारी समस्या पैदा हो जाएगी.

Advertisement

पूरा वीडियो यहां देख सकते हैं -

अपने तीन साल पहले के वीडियो का हवाला दिया, जब कश्मीर को दो यूनियन टेरिटरीज़ में बांटा गया था. तब भी उन्होंने कहा था कि अलग UT बनने से प्रशासन बेहतर होगा, लेकिन ज़रूरी है कि लद्दाख की मूलभूत समस्याएं समझी जाएं. लद्दाख में हो रहे प्रदर्शन का भी ज़िक्र किया.

आर्टिकल - 370 के निरस्त होने के बाद से ही लद्दाख में भूमि, संसाधनों और रोज़गार की सुरक्षा की मांग के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं. आवाज़ उठाने वाले ग्रुप्स की मांग है कि उन्हें छठी अनुसूचि में शामिल किया जाए. संविधान के आर्टिकल - 244 के तहत, छठी अनुसूची में कुछ विधायी, न्यायिक और स्वायत्त प्रशासनिक प्रभागों के गठन करने का प्रावधान है. छठी अनुसूची में ही असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के चार उत्तर-पूर्वी राज्यों में आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधान हैं. सरकार ने वादे भी किए, लेकिन कुछ ठोस निकल कर नहीं आया. स्थानीय पार्टियां भी इस मुद्दे पर एकमत हैं. सोनम ने कहा,

Advertisement

"लद्दाख के लोग इस असमंजस में है कि वो सरकार, जिसने उनके UT बनाने के 70 साल पुराने सपने को पूरा किया, वो कैसे उनसे मुंह फेर सकती है? संरक्षण देने का वादा करने के बावजूद काम ने करने की वजह से लद्दाख के लोगों का सरकार से विश्वास उठ रहा है."

सोनम ने इसकी वजह भी बताई और कहा कि ये बात गृह मंत्री अमित शाह तक पहुंचनी चाहिए, कि लोकल ऐडमिनिस्ट्रेशन बड़े उद्योगपतियों के प्रभाव में है. उन्हें लद्दाख के पर्यावरण से कोई लेना-देना नहीं. वो तो चाहते हैं कि लद्दाख की हर घाटी में खनन हो, उद्योग लगे. और, इसी बात का डर लद्दाख की जनजातिय आबादी को था. क्योंकि चीन की सरकार ने ऐसा ही तिब्बत के साथ किया था.

वीडियो: फ़िल्म 3 इडियट्स में आमिर खान ने जिनका रोल किया था वो सोनम वांगचुक हैं

Advertisement