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"सब मंत्री ऊंची जाति वाले", BJP के दलित सांसद ने मोदी सरकार पर बड़ा सवाल उठा दिया

कर्नाटक के विजयपुरा से भाजपा सांसद Ramesh Jigajinagi राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं. 1998 में सांसद चुने गए थे और तब से कभी हारे नहीं. उससे पहले, तीन बार के विधायक भी रहे. अब उन्होंने भाजपा में शामिल होने के फ़ैसले पर भी संदेह जताया है.

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भाजपा सांसद रमेश जिगाजिनागी. (फ़ोटो - फ़ाइल)

कर्नाटक के विजयपुरा से भाजपा सांसद रमेश जिगाजिनागी (Ramesh Jigajinagi) ने केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा न बनने पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है. मंगलवार, 9 जुलाई को उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से गहरा दुख पहुंचा है कि लगातार सातवीं बार चुने जाने के बावजूद उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में हिस्सा नहीं मिला.

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रमेश जिगाजिनागी राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं. 1998 में सांसद चुने गए थे और तब से कभी हारे नहीं. उससे पहले, तीन बार के विधायक रहे. साल 2016 और 2019 में उन्हें पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री भी बनाया गया. अपने कार्यालय के उद्घाटन के मौक़ै पर वो पत्रकारों से बात कर रहे थे. कैबिनेट में जगह न मिलने पर सवाल पूछा गया, तो बोले:

“मंत्री बनना या न बनना मेरे लिए मायने नहीं रखता. लेकिन मेरी जनता के लिए मायने रखता है. मैं जहां भी जाता हूं, लोग मुझसे पूछते हैं कि मुझे मंत्री क्यों नहीं बनाया गया? कुछ लोग तो यहां तक ​​कहते हैं कि मुझे मंत्री इसलिए नहीं बनाया गया क्योंकि मैं दलित हूं. मुझे बताइए, क्या ये न्याय है? पूरे दक्षिण भारत में मैं अकेला दलित हूं, जिसने लगातार सात चुनाव जीते हैं. सभी ऊंची जाति के सांसद मंत्री बने. क्या दलितों ने भाजपा का समर्थन नहीं किया है? मुझे इससे बहुत दुख पहुंचा है.”

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कर्नाटक सूबे से चार सांसदों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. भाजपा से प्रह्लाद जोशी (ब्राह्मण), वी सोमन्ना (लिंगायत), शोभा करंदलाजे (वोक्कालिगा) ​​और जनता दल (सेकुलर) के एचडी कुमारस्वामी (वोक्कालिगा). 

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जिगाजिनागी ने जनता दल से राजनीति शुरू की. फिर रामकृष्ण हेगड़े की वेदिक पार्टी और रामविलास पासवान की जन शक्ति पार्टी के भी सदस्य रहे. साल 2002 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी जॉइन की. विजयपुरा के सांसद ने अपने भाजपा में शामिल होने के फ़ैसले पर भी संदेह जताया. कहा,

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“बहुत पहले मेरे शुभचिंतकों ने मुझे सलाह दी थी कि भाजपा में शामिल न हों. वो कहते थे कि दलित-विरोधी पार्टी है. लेकिन मैं बिना ज़्यादा सोचे-समझे पार्टी में शामिल हो गया.”

जिगाजिनागी की इस नाराज़गी पर पार्टी की क्या प्रतिक्रिया रहती है, ये देखना दिलचस्प रहेगा.

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