हिजाब विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court on Karnataka Hijab Controversy) ने गुरुवार, 13 अक्टूबर को विभाजित फैसला सुनाया. जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ इस मामले पर एकमत नहीं हो पाई. जस्टिस धूलिया ने कहा कि हिजाब पहनना निजी पसंद का मामला है. वहीं, जस्टिस गुप्ता ने हिजाब पर बैन लगाने के राज्य सरकार के फैसले को सही माना.
हिजाब के अलावा वो धार्मिक मामला जिसमें जस्टिस धूलिया और जस्टिस गुप्ता ने अलग-अलग फैसला दिया था
डेढ़ महीने के भीतर दूसरा बड़ा धार्मिक मामला, जिसमें बंटी दोनों जजों की राय.

फैसला सुनाते हुए बेंच ने कहा कि मामले पर कोई ठोस फैसला न आने के चलते फिलहाल हिजाब बैन जारी रहेगा. साथ ही इस मामले को उचित निर्देशों के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश के सामने रखा जाना चाहिए. मामले पर 11 सवाल तैयार करते हुए जस्टिस हेमंत गुप्ता ने इस मामले को 9 जजों की बेंच के पास भेजने की राय दी.
आजतक से जुड़े संजय शर्मा के मुताबिक, इन दोनों जजों की पीठ के अलग-अलग फैसला देने का ये पहला मामला नहीं है. डेढ़ महीने के भीतर ये दूसरा बड़ा धार्मिक मामला है, जिसमें दोनों की राय अलग है.
इस साल अगस्त में कर्नाटक के बेंगलुरु में गणपति उत्सव के आयोजन स्थल को लेकर विवाद हुआ था. इस मामले में भी दोनों जजों का फैसला एक-दूसरे से अलग था. दरअसल, बेंगलुरु के चामराजपेट के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने की परमिशन देने पर मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जताई थी. ये अनुमति पहले राज्य सरकार ने दी थी, बाद में हाईकोर्ट ने इस अनुमति पर मुहर लगाई थी.
इस फैसले के खिलाफ कर्नाटक वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने की. 30 अगस्त, 2022 को वक्फ बोर्ड द्वारा दायर याचिका के मामले में इन दोनों जजों की राय विभाजित रही.
जस्टिस हेमंत गुप्ता हाईकोर्ट के आदेश को बनाए रखने के इच्छुक थे, लेकिन जस्टिस सुधांशु धूलिया इसके खिलाफ थे. इसके बाद इस मामले को उसी दिन सीजेआई ने 3 जजों की पीठ के पास भेजा. जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अगुआई वाली तीन जजों की पीठ ने गणेश चतुर्थी समारोह ईदगाह मैदान में आयोजित करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया.
गणपति उत्सव से जुड़ा मामला भी कर्नाटक का था और हिजाब वाला भी. दोनों पर जजों की राय अलग-अलग आई. एक बात और कि कानूनी और संवैधानिक मुद्दों पर अलग राय रखने वाली ये पीठ अब बस एक दिन और रहेगी. क्योंकि जस्टिस हेमंत गुप्ता का शुक्रवार, 14 अक्टूबर को लास्ट वर्किंग डे है. वो रविवार, 16 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं.
वीडियो देखें : ईरान के सुप्रीम लीडर ने 'हिजाब प्रोटेस्ट' के पीछे की क्या अलग कहानी बता दी?