"इन तथाकथित नेताओं में से किसी एक को भी पुलिस ने एक बार भी नहीं पीटा. उनका स्वतंत्रता आंदोलन एक बड़ा ड्रामा था. जिसका मंचन इन नेताओं ने अंग्रेज़ों की सहमति से किया था. यह उनकी वास्तविक लड़ाई नहीं थी. यह दिखावे का स्वतंत्रता आंदोलन था. कांग्रेस को सपोर्ट करने वाले लोग कहते हैं कि गांधी के आमरण अनशन और सत्याग्रह की वजह से भारत को आज़ादी मिली. यह सच नहीं है. अंग्रेज़ों ने सत्याग्रह की वजह से भारत नहीं छोड़ा. अंग्रेज़ों ने फ्रस्ट्रेशन की वजह से हमें आज़ादी दी. मैं जब इतिहास पढ़ता हूं तो मेरा खून खौलता है. ऐसे लोगों को हमारे देश में महात्मा बना दिया गया."हेगड़े के इस बयान पर महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी और कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. तुषार गांधी ने ट्वीट किया,
"हेगड़े सही कह रहे हैं कि बापू का स्वतंत्रता आंदोलन एक ड्रामा था. ये ड्रामा इतना तीव्र था कि इसने अंग्रेजों की आंखें खोल दी कि उन्हें भारत को अपना दास बनाकर नहीं रखना चाहिए."
"राहुल के पिता थे मुस्लिम. और मां ईसाई. तो फिर राहुल खुद को ब्राह्मण कैसे बताते हैं? हम तो ऐसी बातें समझते हैं. मगर वो खाली दिमाग (राहुल) का आदमी न तो जानता है, न समझता है. आपको पूरी दुनिया की किसी प्रयोगशाला में ऐसी मिली-जुली नस्ल का नमूना नहीं मिलेगा. आपको कांग्रेस की प्रयोगशाला के अंदर ये मिसाल मिलेगी. कि पिता और बेटा, दो अलग-अलग किस्म के निकले."साल 2017 में हेगड़े ने कहा था कि बेंगलुरु को हिंदुत्व की राजधानी बन जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि संविधान में धर्मनिरपेक्ष शब्द होने के कारण हम इसे मानने को बाध्य हैं. उन्होंने कहा था कि भविष्य में संविधान भी बदला जाएगा.
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