सरकार का जो कर्जमाफी का वादा था वह पूरा नहीं हो पाया. किसानों का सिर्फ 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ हुआ है, जबकि हमने 2 लाख रुपये तक के कर्जमाफी का वादा किया था. इसलिए सरकार को किसान का पूरा कर्जमाफ करने की दिशा पर काम करना चाहिए.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सरकार को आईना दिखाने का काम किया है. जो सरकार झूठ पर आधारित थी, झूठ बोल कर बनी थी, जिसने पहले दिन फाइल पर साइन कर के किसान कर्ज माफी का भ्रम फैलाया जबकि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बोला था कि 10 दिन में किसान का कर्ज माफ नहीं होगा तो मुख्यमंत्री बदल देंगे. यानी साफ है कि राहुल गांधी ने किसानो से झूठ बोला था'.दरअसल कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के अपने वचनपत्र में किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था. कांग्रेस की जीत के बाद कमलनाथ मुख्यमंत्री बने. उन्होंने एक घंटे के भीतर ही किसान कर्जमाफी के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे. किसानों से तीन रंग के अलग-अलग फॉर्म भरवाए गए. मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार लगातार दावा करती रही है कि 20 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफ किया जा चुका है. लेकिन हकीकत कांग्रेस के नेता खुद बता रहे हैं. दूसरी ओर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सीएम कमलनाथ को बीजेपी से बड़ा और सच्चा गोभक्त बनने का चैलेंज दे रहे हैं. दिग्विजय ने सड़कों पर बैठी गायों का फोटो ट्वीट किया,
यह चित्र है भोपाल इंदौर हायवे का जहॉं आवारा गऊ माता बैठी रहती हैं और लगभग हर दिन ऐक्सिडेंट में मर जाती हैं। कहॉं हैं हमारे गौ माता प्रेमी गौ रक्षक? मप्र शासन को तत्काल इन आवार गौ मात को सड़कों से हटा कर गौ अभ्यरण या गौ शालाओं में भेजना चाहिये। pic.twitter.com/LC6sxPq9Xr
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