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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जिस जॉब के लिए निधि राजदान ने जर्नलिज़्म छोड़ी, वो बहुत बड़ा धोखा था

21 साल की पत्रकारिता के बाद छोड़ा था टीवी चैनल.

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NDTV की पूर्व एंकर निधि राजदान ने ट्वीट (दाएं) बताया है कि वह फिशिंग की शिकार हुई हैं. उनके पास हार्वर्ड से कोई ऑफर आया ही नहीं था. इससे पहले उन्होंने बताया था कि उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एसोसिएट प्रोफेसर की जॉब का ऑफर आया है. वह NDTV की नौकरी छोड़ रही हैं.
निधि राजदान. NDTV में लंबे वक्त तक न्यूज़ ऐंकर रहीं. 21 साल पत्रकारिता करने के बाद सालभर पहले उन्होंने ये फील्ड छोड़ने का फैसला किया था. चैनल और उनकी तरफ से बताया गया कि वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बतौर असोसिएट प्रोफेसर चुनी गई हैं. अब पता चला है कि निधि को असल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से कोई ऑफर नहीं भेजा गया था, बल्कि एक बड़े फ्रॉड सिंडिकेट ने उन्हें शिकार बनाया था. निधि ने ट्विटर पर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी दी है. उन्होंने लिखा,
मुझे बताया गया था कि मैं सितंबर, 2020 में यूनिवर्सिटी जॉइन करूंगी. मैं अपने नए असाइनमेंट की तैयारी कर रही थी. इसी दौरान मुझे बताया गया कि महामारी की वजह से मेरी क्लासेस जनवरी, 2021 में शुरू होंगीलगातार हो रही देर के बीच एडमिनिस्ट्रेटिव स्तर पर और जो प्रोसेस बताई गईं, उनमें मैंने कई खामियां नोटिस कीं. शुरू में मैंने ये सोचकर इन बातों पर ध्यान नहीं दिया कि महामारी में ये सब न्यू नॉर्मल है, लेकिन हाल ही में जो कुछ हुआ वो ज्यादा परेशान करने वाला था. इसके बाद मैंने सीधे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क किया. उनके आग्रह पर मैंने उनसे वे सारे कम्युनिकेशन्स शेयर किए जो तथाकथित रूप से यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए थे.  इसके बाद मुझे पता चला कि मैं एक काफी सॉफेस्टिकेटेड फिशिंग की शिकार हुई हूं. दरअसल मेरे पास हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उनके जर्नलिज़्म डिपार्टमेंट की फैकल्टी बनने का कोई ऑफर आया ही नहीं था. बल्कि मैं तो एक तरह के ऑनलाइन हमले का शिकार हुई . मुझे हार्वर्ड से कोई ऑफर लेटर भी नहीं मिला. धोखाधड़ी करने वालों ने बड़ी चालाकी से मेरे पर्सनल डेटा, कम्युनिकेशन को एक्सेस करने के लिए सारा खेल खेला और शायद डिवाइस से लेकर ईमेल व सोशल मीडिया अकाउंट तक पहुंचने का रास्ता भी पा लिया.
  निधि ने आगे बताया कि उन्होंने इस बारे में पुलिस में कम्प्लेंट की है. सारे सबूत पुलिस को दे देने की बात भी उन्होंने कही है. उन्होंने इस बारे में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को भी पत्र लिखा है, ताकि वो इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच करें.

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