एक्सक्यूज मी. अगर आप यहां विद्यालय वाले स्कूलिंग को याद करके नॉस्टैल्जिया में जबरन घुसे जा रहे हैं तो ठहरिए. आगे तालाब है. नीले पानी वाले ओलंपिक वाला तालाब. और इसी से निकलता है एक जबराट लौंडा. जो रक्तबीज की तरह गोल्ड मेडल गिराने वाले माइकल फेल्प्स से भी सोना झटक लेता है. सिंगापुर का तैराक जोसेफ स्कूलिंग. जिसने 100 मीटर बटरफ्लाई खेल में माइकल फेल्प्स को हराकर रियो ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल जीता.
सब्रयना सालाजार का अफसोस जोसेफ स्कूलिंग से जुड़ा है.

जोसेफ. फोटो क्रेडिट: reuters
दुनिया सिर्फ अच्छे में साथ देती है, वाली लाइन बक्से से निकाल लीजिए. क्योंकि ये जो जोसेफ है न. इन महोदय की भूतपूर्व संभावना अर्थात वो लड़की जिस पर कभी इनने डोरे डाले थे. वो कन्या सब्रयना सालाजार प्रकट हो गई है. पुराने स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर किए हैं. ये डेटिंग साइट टिंडर की चैट है. लेकिन चैट का दुखद पहलू ये रहा कि कन्या सब्रयना ने कोई रिप्लाई नहीं किया.

ओलंपिक्स चल रहे थे. दुनिया माइकल फेल्प्स को देख रही थी. फेल्प्स को वो बंदा टक्कर देने जा रहा था, जो 2008 में उससे एक फैन की तरह मिला. 13 साल की उम्र में. अब जब मिला तो उम्र के कॉलम के आगे 21 लिखा जा चुका था. नाम के आगे और गर्दन पर गोल्ड मेडल लटक चुका था.

तस्वीर देख ली. आओ रियो लौटते हैं. उस रोज फेलप्स-जोसेफ के खेल पर लौटते हैं. दोनों घंटी बजते ही तैरने लगे. आखिर में फेल्प्स हारे, जोसेफ जीत गया. कन्या सब्रयना जब फेल्प्स को हराने वाले को देखती है तो उसे टिंडर याद आता है. चैक करती है तो पाती है ये तो वही बंदा है, जिसने कभी डोरे डाले थे.

लेकिन कमबख्त एटीट्यूड, संभावनाओं का कत्ल कर देता है. सब्रयना सालाजार कहती है, 'जोसेफ के मैसेज का रिप्लाई न करके मैंने जिंदगी की सबसे बड़ी गलती की.'