जावेद अख्तर मशहूर गीतकार. बेझिझक बोलने वाले, बेधड़क बोलने वाले. बड़े-बड़े मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखने वाले. लेकिन, अब वो बोलने की वजह से ही दिक्कत में आ गए हैं. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना तालिबान से की थी (Javed Akhtar RSS Taliban Statement). एक शख्स आहत हो गया, कोर्ट पहुंच गया. अब सेशन कोर्ट ने कहा है कि जावेद अख्तर के इस बयान से RSS और उसके समर्थकों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है.
जावेद अख्तर ने RSS और तालिबान को एक जैसा बताया था, पता है इस पर कोर्ट ने क्या कहा?
जावेद अख्तर के बयान को लेकर मुंबई कोर्ट ने बड़ी बात कह दी

आजतक से जुड़ीं विद्या के मुताबिक महाराष्ट्र के एक वकील हैं संतोष दुबे. दुबे बचपन से ही आरएसएस के स्वयंसेवक हैं. ऐसे में जावेद अख्तर ने जब RSS और तालिबान की तुलना वाला बयान दिया तो वो आहत हो गए. दुबे के मुताबिक अख्तर की टिप्पणी के बाद कई लोगों ने उनसे RSS छोड़ने के लिए कहा. इसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि वो जावेद अख्तर पर मानहानि का मामला दायर करेंगे.
वकील संतोष दुबे ने अख्तर के खिलाफ 2021 में मुलुंड मजिस्ट्रेट कोर्ट में एक आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने आरएसएस को तालिबान की तरह बताया है, जिससे भावनाएं आहत हुई हैं. उनकी शिकायत पर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जावेद अख्तर को मानहानि के आरोपों का सामना करने के लिए तलब किया था. मजिस्ट्रेट कोर्ट के इस आदेश को जावेद अख्तर ने सेशन कोर्ट में चैलेंज किया था. जिस पर सेशन कोर्ट ने पिछले हफ्ते आदेश सुनाते हुए मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को सही करार दिया था. इस फैसले की विस्तृत कॉपी अब जारी हुई है.
आजतक के मुताबिक इस मामले की सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट के जज ने कहा,
"याचिकाकर्ता (जावेद अख्तर) का बयान एक राष्ट्रीय चैनल और यूट्यूब पर एक इंटरव्यू में था. जिससे स्वयंसेवकों, आरएसएस के समर्थकों की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है और दुनिया को एक संदेश दिया गया है कि आरएसएस अफगानिस्तान में तालिबान के समान है. आरएसएस की तालिबान मानसिकता से तुलना, जिसमें बर्बर कृत्य शामिल हैं... इसमें प्रथम दृष्टया आरएसएस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त सामग्री है."
उधर, सेशन कोर्ट से भी झटका लगने के बाद जावेद अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने कहा कि वे जल्द इस आदेश के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
सितंबर 2021 में एक इंग्लिश न्यूज चैनल के साथ बातचीत में जावेद अख्तर ने कहा था,
'मुझे लगता है कि जो लोग आरएसएस, वीएचपी, बजरंग दल जैसे संगठनों का समर्थन करते हैं, उन्हें आत्मचिंतन की जरूरत है. निश्चित तौर पर तालिबान मध्ययुगीन मानसिकता वाला है, इसमें कोई शक नहीं हैं, वे बर्बर हैं, लेकिन आप जिन्हें समर्थन कर रहे हैं, वे उनसे अलग कहां हैं? उनकी जमीन लगातार मजबूत हो रही है और वे अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ रहे हैं.'
जावेद अख्तर ने आगे कहा था कि आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल जैसे संगठनों और तालिबान की मानसिकता एक ही है.
वीडियो: जावेद अख्तर ने पाकिस्तान में दिए बयान पर कहा,जिस मुल्क में पैदा हुए, वहां नहीं डरते, तो बाहर क्या डर