जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकियों की तलाश जारी है. तलाशी अभियान के दौरान रविवार, 24 अक्टूबर की सुबह आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फिर गोलाबारी की. इसमें तीन जवान जख्मी हो गए, जबकि पाकिस्तानी आतंकी जिया मुस्तफा मारा गया. इलाके में अभी भी ऑपरेशन चल रहा है.
पुंछ में मुठभेड़ के दौरान पाकिस्तानी आतंकी जिया मुस्तफा मारा गया, 3 जवान घायल
एक अन्य घटना में CRPF की क्रॉस फायरिंग में एक आम नागरिक की मौत.

वहीं दूसरी ओर दक्षिण कश्मीर के शोपियां में जेनपोरा इलाके में आतंकियों और CRPF के जवानों के बीच फायरिंग हुई. क्रॉस फायरिंग में गोली लगने से एक नागरिक की मौत हो गई. अधिकारियों के मुताबिक, CRPF के जवान इलाके में गश्त के लिए निकले थे. तभी आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी. CRPF की टीम ने भी जवाबी कार्रवाई की.
CRPF के अधिकारियों ने बताया,
लगभग 10:30 बजे, अज्ञात आतंकवादियों ने शोपियां के बाबापोरा में CRPF के नाका पार्टी की 178 बटालियन पर हमला कर दिया था. CRPF ने जवाबी कार्रवाई की. क्रॉस फायरिंग के दौरान एक अज्ञात को गोली लग गई. इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
मारे गए नागरिक की पहचान शाहिद अहमद के रूप में हुई है.
पुंछ में एक आतंकी की मौत
वहीं दूसरी ओर रविवार 24 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक जवान और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. एक अधिकारी के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा का पाकिस्तानी आतंकवादी, जिसका नाम जिया मुस्तफा है, जेल में बंद था. उसे आर्मी की तरफ से चलाए जा रहे ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन के तहत एक आतंकवादी के ठिकाने की पहचान के लिए भाट्टा दुरियन ले जाया गया था. पर आतंकवादियों ने तभी फायरिंग कर दी. जिसमें सेना के तीन जवान और एक जूनियर कमीशंड अधिकारी ज़ख्मी हो गए.
अधिकारी ने बताया कि तलाशी के दौरान जब टीम ठिकानों के पास पहुंची, तो आतंकवादियों ने फिर से पुलिस और सेना के जवानों की संयुक्त टीम पर गोलियों चला दीं. इसमें दो पुलिसकर्मी और एक सेना के जवान घायल हो गए. जिया मुस्तफा को भी चोटें आईं. वो घायल हो गया . पर भारी गोलीबारी और आगजनी के चलते उसे साइट से बाहर नहीं निकाला जा सका. और उसकी वहीं मौत हो गई.
कौन है जिया मुस्तफा?
बताया जा रहा है कि मुस्तफा जम्मू-कश्मीर की जेल में रहकर पुंछ और राजौरी में छिपे आतंकी समूहों के साथ लगातार संपर्क में था. ये सभी एक-दूसरे को ऑपरेशन्स और अन्य गतिविधियों के बारे में जानकारी देते रहते थे. रिपोर्ट के मुताबिक, वह जम्मू की भलवाल सेंट्रल जेल से फोन के जरिए आतंकवादियों से बात भी करता था. यहां उसे 10 दिन की रिमांड पर लिया गया था. 13 दिन से चल रहे एंकाउंटर में मुस्तफा की भूमिका को लेकर पूछताछ चल रही थी.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, मुस्तफा को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मार्च, 2003 में कश्मीरी पंडितों के नदीमर्ग नरसंहार के मास्टरमाइंड के रूप में गिरफ्तार किया था. जम्मू-कश्मीर के DGP एके सूरी ने मुस्तफा की गिरफ्तारी की घोषणा 10 अप्रैल,2003 को की थी. सूरी ने बताया था कि वह लश्कर-ए-तैयबा का "जिला कमांडर" था और 24 कश्मीरी पंडितों की हत्या में शामिल था, जो पुलवामा जिले के गांव नदीमर्ग में अपने घरों में रह रहे थे. पुलिस प्रमुख ने कहा था कि मुस्तफा के पास से एक AK-47 राइफल, गोला-बारूद, एक वायरलेस सेट और कई दस्तावेज भी मिले थे. और उसे पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा नेतृत्व ने नरसंहार को अंजाम देने के लिए कहा था.