''वह (महिला) यहां करीब 30 साल से रह रही थीं. भीख मांगती थीं. राजौरी से टीम आकर उनको वृद्धाश्रम ले गई. नगर निगम की टीम को झोपड़ी खाली कराते वक्त यहां कचरे में लिफाफों के अंदर नोट ही नोट मिलने लगे.”नौशेरा शहर राजौरी जिले के अंतर्गत आता है. ये बिल्कुल LOC से लगा हुआ गांव है. यह गांव ब्रिगेडियर उस्मान के लिए भी मशहूर रहा है. ब्रिगेडियर उस्मान, जिन्होंने 1948 की लड़ाई में भारतीय सेना के लिए अदम्य साहस दिखाया था. जिनको नौशेरा का शेर भी कहा जाता है. लेकिन उनकी कहानी फिर कभी.
भीख मांगने वाली बुजुर्ग महिला के घर मिला इतना पैसा कि गिनने में ही घंटों लग गए
निगम कर्मचारियों ने गिनती की तो ढाई लाख से ज्यादा का कैश निकला.
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भीख मांगने वाली महिला की झोपड़ी से मिली रकम गिनते नगर पालिका के कर्मचारी. (फोटो- ANI)
जम्मू-कश्मीर का नौशेरा. यहां एक बुजुर्ग महिला काफी समय से अकेली रह रही थी. भीख मांगकर गुजर-बसर कर रही थी. कोविड काल के बीच महिला को कुछ दिन पहले वृद्धाश्रम में ले जाया गया. इसके बाद जब नगर निगम की टीम महिला की झोपड़ी को हटाने गई तो ऐसी घटना हुई कि सभी चौंक गए. बुजुर्ग महिला की झोपड़ी के अंदर से नोट ही नोट मिलने लगे. वहां तीन बक्से मिले. उनके अंदर लिफाफे थे, जिनमें नोट रखे थे. तमाम नोट और सिक्के ऐसे ही इधर-उधर रखे थे. इसके बाद झोपड़ी की तलाशी शुरू की गई, तो वहां से करीब 2 लाख 60 हज़ार रुपये कैश में मिले.
अधिकारियों ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों की टीम को अस्थाई शेल्टर के अंदर सामान के साथ तीन बॉक्स और जूट का एक बोरा भी मिला. ये बॉक्स सामान के नीचे छुपाकर रखे हुए थे. इनके अंदर से ही नोट वाले लिफाफे मिले. इसके बाद नगर निगम के कर्मचारियों ने पहले सारे कैश को एक जगह इकट्ठा किया. फिर इसे गिनने के लिए टीम के कई लोग लगाए गए. कई घंटे तक ये कवायद चली. तब कहीं जाकर पूरी रकम का पता लग पाया. फिलहाल इस रकम को सुरक्षित रख दिया गया है. आगे महिला से बात करके फैसला किया जाएगा कि इतने पैसों का क्या करना है. इस वाकये के बारे में नगर निगम सदस्य का कहना था–
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