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ISRO के 59 साल के सांइटिस्ट डॉक्टर बनना चाहते हैं, दोबारा देंगे NEET एग्जाम

एक बार दे चुके हैं NEET का एग्जाम. क्यों बनना चाहते हैं डॉक्टर?

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सांकेतिक फोटो.

बेंगलुरु के रहने वाले 59 साल के इसरो साइंटिस्ट (ISRO Scientist) अब नीट एग्जाम (NEET Exam) की तैयारी करने जा रहे हैं. साइंटिस्ट का नाम राजन बाबू (Rajan Babu) है. राजन ने बिट्स पिलानी से कंप्यूटर साइंस में Msc किया है. लेकिन अब राजन का इच्छा डॉक्टर बनने की है. इसके लिए उन्होंने पहले भी NEET एग्जाम दिया था.

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दरअसल, राजन बाबू का बचपन से डॉक्टर बनने का सपना था. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राजन के बच्चे डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं. ये देखकर साल 2019 में राजन का डॉक्टर बनने सपना दोबारा जाग गया. इसके बाद उन्होंने NEET एग्जाम भी दिया. लेकिन उन्हें ऐसा स्कोर नहीं मिला, जिससे उन्हें सरकारी कोटे की सीट मिल पाए. जिसकी वजह से राजन ने फैसला किया है कि वो फिर से NEET एग्जाम देंगे और अपना स्कोर सुधारेंगे.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राजन साल 1963 में पैदा हुए थे. लेकिन घर में कई दिक्कतों की वजह से वो स्कूल पढ़ने नहीं जा सके. परिवार को सपोर्ट करने के लिए राजन को छोटी उम्र में ही काम करना पड़ा. फिर आया साल 1981. इस साल उनके एक दोस्त ने क्लास 10वीं पास करने के लिए उनसे प्राइवेट उम्मीदवार के तौर पर एग्जाम देने को कहा. राजन ने बताया,

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“मैंने अपनी मां से अल्फाबेट और टेबल जैसी चीजें सीखीं. बाकी सारे सब्जेक्ट मैंने खुद से ही तैयार किए. इसके बाद एग्जाम दिया और पास भी हो गया. 10वीं के स्कोर के आधार पर मैंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन ले लिया था. पढ़ाई के साथ ही पांच साल नौकरी भी की थी.”

विदेश में किया काम

राजन ने आगे बताया कि उन्होंने 1992 में एसोसिएट मेंबर ऑफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स ( AMIE) का एग्जाम क्वालीफाई किया था. उस वक्त AMIE को बेचलर्स इन इंजीनियरिंग (BE) के बराबर माना जाता था. वो बताते हैं कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के तौर पर उन्होंने पोस्ट और टेलीग्राफ डिपार्टमेंट में दो साल काम भी किया था. राजन ने इसी दौरान ISRO के लिए अप्लाई किया था. उस वक्त सिर्फ दो पदों के लिए वैकेंसी थी, लेकिन करीब एक लाख लोगों ने अप्लाई किया था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राजन साल 1995 में इसरो में चुने गए और रॉकेट साइंटिस्ट के तौर पर काम किया. इसी दौरान उन्होंने बिट्स पिलानी से साल 1999 में Msc (कंप्यूटर साइंस) कर लिया था. इसके बाद उन्होंने साल 2007 तक अमेरिका में कई कंपनियों में काम किया. 2007 में परिवार के साथ रहने के लिए वो भारत वापस लौट आए थे. राजन की इन उपलब्धियों के बारे में कर्नाटक के पूर्व शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने सोशल मीडिया पर लिखा था और वो उनसे मिलने भी गए थे.

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