मिस्र के शर्म अल-शेख में गाजा शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें करीब तीन दर्जन देशों ने भाग लिया. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप समेत मिडिल ईस्ट के तीन बड़े नेताओं ने गाजा सीजफायर समझौते (Gaza Ceasefire Deal) पर हस्ताक्षर किए. इससे पहले, फिलिस्तीनी संगठन हमास ने इजरायल के सभी 20 जिंदा बंधकों को रिहा कर दिया. उधर, इजरायल ने भी हमास के करीब 1,800 से ज्यादा कैदियों और बंदियों को रिहा किया.
मिस्र में ऐतिहासिक गाजा शांति समझौता, इजराइल-हमास कैदियों की अदला-बदली, ट्रंप बोले-युद्ध खत्म
अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump समेत दुनिया के कई बड़े नेताओं ने Gaza Ceasefire Deal के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए. इससे पहले, हमास और इजरायल ने अपनी कैद से सभी बंधकों और कैदियों को रिहा किया.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉनल्ड ट्रंप, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन और कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी ने 13 अक्टूबर को गाजा पीस प्लान के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए. दिलचस्प बात यह है कि यह शांति शिखर सम्मेलन जिन दो पक्षों (इजरायल-हमास) में शांति स्थापित करने के मकसद से आयोजित किया गया था, उनका कोई प्रतिनिधि इस आयोजन में शामिल नहीं हुआ.
ट्रंप पहले इजरायल पहुंचे थे. यहां उन्होंने इजरायली संसद ‘नेसेट’ को संबोधित किया. इसके बाद वे मिस्र रवाना हुए. ट्रंप ने गाजा सीजफायर समझौते को ‘ऐतिहासिक’ बताया और कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि ऐसा हो सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने भरोसा जताया,
सालों की पीड़ा और मारकाट के बाद, गाजा में युद्ध समाप्त हो गया है. नागरिक अपने घरों को लौट रहे हैं, बंधक अपने परिवारों से मिल रहे हैं.
उन्होंने इस पहल में मदद करने वाले अरब और मुस्लिम राष्ट्रों को धन्यवाद दिया.
इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उनकी तारीफ करते हुए कहा,
भारत एक महान देश है और मेरे एक बहुत अच्छे मित्र इस देश का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने शानदार काम किया है. मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत साथ मिलकर बहुत अच्छे से रहेंगे.
ट्रंप ने अपने पीछे खड़े पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ देखते हुए हंसते हुए यह बात कही.
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शहबाज शरीफ ने क्या कहा?इससे पहले ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को सभा को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था. शरीफ ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की कोशिशों का ही परिणाम है कि मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित हुई है. उन्होंने कहा,
पाकिस्तान ने राष्ट्रपति ट्रंप को उनके शानदार और असाधारण योगदान के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था.
शरीफ ने कहा कि वे ट्रंप को लाखों लोगों की जान बचाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए फिर से नामांकित करना चाहेंगे. बता दें कि नोबेल शांति पुरस्कार ना मिलने के बाद ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समेत आठ युद्धों को सुलझाने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि यह काम उन्होंने नोबेल के लिए नहीं किया.
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