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इज़रायल की चूक, ईरान ने हाइफा पर मिसाइलें दागी, सायरन बजा ही नहीं

Haifa स्थानीय लोगों की मुश्किलें इसलिए भी बढ़ गईं क्योंकि उन्हें इस हमले की कोई चेतावनी ही नहीं मिली. लोगों को इस तरह के अलर्ट्स सायरन की आवाज के जरिए मिलते हैं.

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हाइफा में बच्चों को बचाता एक बचावकर्मी. (तस्वीर: AP)
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शिवानी शर्मा

ईरान के न्यूक्लियर साइटों पर अमेरिकी हमलों के जवाब में ईरान ने इजरायल (Iran Attacks Israel) पर मिसाइल दागी. इनमें से कुछ मिसाइल रिहायशी इलाकों में जाकर फटे हैं. एक हाइपरसोनिक मिसाइल इजरायल के तीसरे सबसे बड़े शहर हाइफा के सिटी सेंटर इलाके में गिरा. बताया जा रहा है कि इसमें करीब 1,000 किलो वॉरहेड्स थे.

स्थानीय लोगों की मुश्किलें इसलिए भी बढ़ गईं क्योंकि उन्हें इस हमले की कोई चेतावनी ही नहीं मिली. लोगों को इस तरह के अलर्ट्स सायरन की आवाज के जरिए मिलते हैं. आमतौर पर किसी मिसाइल के गिरने (हमले) से पहले या गिरने के तुरंत बाद सायरन की आवाजें सुनाई देती हैं. इससे लोगों को बंकर या अन्य सुरक्षित स्थानों पर जाने का थोड़ा-बहुत समय मिल जाता है. लेकिन 22 जून को जब ईरान के मिसाइल हाइफा में गिरे तो कोई सायरन नहीं बजा. न मिसाइल गिरने के पहले और न ही गिरने के बाद. इसके कारण आम लोगों को इस हमले का बहुत अंदाजा नहीं मिल पाया.

इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने भी सायरन ने बजने की घटना की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है कि किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ है और वो इस मामले की जांच कर रहे हैं. 

हाइफा में अभी कैसे हालात हैं?

हालात तो पूरे इजरायल में ही ठीक नहीं है. देश को अलर्ट पर रखा गया है. लोग सिर्फ जरूरत की चीजों के लिए ही बाहर निकल सकते हैं. हाइफा में जिस जगह पर मिसाइल गिरा है, वहां मलबे को हटाने और उसकी जांच के प्रयास किए जा रहे हैं. मौके पर पुलिसकर्मी और स्वास्थ्यकर्मी मौजूद हैं. आम लोगों को मलबे के आसपास जाने से मना किया गया है. क्योंकि अब भी ऐसी आशंका है कि मलबे में कुछ विस्फोटक बचे हो सकते हैं.

इलाके में अब भी डर का माहौल बना हुआ है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि फिर से ईरान का हमला हो सकता है.

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अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर साइटों को बनाया निशाना

इससे पहले अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर साइटों पर हमला किया. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दावा किया कि ईरान के ये न्यूक्लियर साइट पूरी तरह धवस्त कर दिए गए हैं. हालांकि, ईरान का कहना है कि नुकसान इतना ज्यादा नहीं हुआ, जितना ट्रंप दावा कर रहे हैं. उसने कहा है कि इन हमलों के बावजूद उनका न्यूक्लियर प्रोग्राम जारी रहेगा, किसी भी न्यूक्लियर साइट पर रेडिएशन नहीं हुआ है.

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