The Lallantop

अमेरिका की तरह ब्रिटेन में भी प्रवासियों पर रेड, भारतीय रेस्टोरेंट्स पर भी पड़े छापे

Indian Restaurants Raids: जनवरी 2024 में हुई कार्रवाई का एक अहम हिस्सा रेस्टोरेंट्स, टेक-अवे, और कैफे जैसी जगहों पर केंद्रित था. नॉर्थ इंग्लैंड के एक इंडियन रेस्टोरेंट में जाने पर 7 लोगों को गिरफ्तार और 4 लोगों को डिटेन किया गया.

Advertisement
post-main-image
यूके की बॉर्डर फोर्स लगातार अवैध प्रवासियों पर छापेमारी कर रही है (PHOTO-AFP/Getty)

अमेरिका में कथित अवैध प्रवासियों पर हो रही कार्रवाई के बाद अब यूनाइटेड किंगडम में भी इसी तरह का एक्शन शुरु हो गया है. पूरे देश में इसे लेकर बॉर्डर फोर्स और अन्य लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियां लोगों की धर-पकड़ कर रही हैं. लेबर पार्टी की सरकार के अनुसार, वो देश में अवैध रूप से काम कर रहे प्रवासियों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी (UK Crackdown on Migrants) कर रही है. कीर स्टार्मर के पीएम बनने के बाद से ही ऐसे छापे जारी हैं. और अब इन छापेमारियों की जद में भारतीय रेस्टोरेंट्स, नेल बार (नाखून के सलून), डिपार्टमेंटल स्टोर्स और कार वाशिंग जैसे प्रतिष्ठान भी आ गए हैं. इन जगहों पर बड़े पैमाने पर प्रवासी काम करते हैं.

Advertisement

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन की गृह मंत्री यवेट कूपर (Yvette Cooper) खुद इस पूरे क्रैकडाउन की निगरानी कर रही हैं. गृह विभाग के अनुसार जनवरी 2025 में प्रवासियों से जुड़े रिकॉर्ड तोड़ 828 परिसरों पर छापेमारी हुई है. जनवरी 2024 की तुलना में ये 48 प्रतिशत अधिक है. वहीं इस साल 609 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जो पिछले साल की तुलना में 73 प्रतिशत अधिक है. 

सेक्रेटरी कूपर के ऑफिस की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि उनकी टीमें पूरे देश में इंटेलिजेंस के आधार पर हर जगह अवैध रूप से काम करने वाले लोगों पर इसी तरह से कार्रवाई करती हैं. बयान के मुताबिक, जनवरी 2024 में हुई कार्रवाई का एक अहम हिस्सा रेस्टोरेंट्स, टेक-अवे, और कैफे जैसी जगहों पर केंद्रित था. नॉर्थ इंग्लैंड के एक इंडियन रेस्टोरेंट में जाने पर 7 लोगों को गिरफ्तार और 4 लोगों को डिटेन किया गया. अपने एक बयान में सेक्रेटरी कूपर ने कहा,

Advertisement

इमिग्रेशन के नियमों का पालन होना चाहिए. बीते काफी समय से एम्प्लॉयर्स अवैध प्रवासियों को काम पर रखते आ रहे हैं. चूंकि वो अवैध रूप से देश में हैं, इसलिए उनका शोषण भी किया जाता है. बहुत से लोग अवैध रूप से यहां आकर काम कर रहे हैं, लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

कूपर आगे कहती हैं, 

कार्रवाई न होने से लोग एक छोटी सी नाव में समंदर पार कर अपने जीवन को खतरे में डालते हैं. इसका नतीजा ये होता है कि कमजोर लोगों, इमिग्रेशन पॉलिसी, और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है.

Advertisement
स्टार्मर पर दबाव

चुनाव जीतने के बाद से ही ब्रिटिश पीएम स्टार्मर पर विपक्ष की ओर से ये साबित करने का दबाव है कि उनकी सरकार अवैध प्रवासियों पर सख्त है. यही वजह है कि सरकार लोगों को डिपोर्ट करने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है. उन्होंने 4 फ्लाइट्स में 800 से अधिक लोगों को डिपोर्ट किया है, जो ब्रिटेन के इतिहास में एक बार में हुआ सबसे बड़ा डिपोर्टेशन है. ब्रिटिश सरकार ने पहली बार अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है. वीडियो में दिख रहा है कि एक आदमी के हाथों में बेड़ियां हैं जिसे बॉर्डर फोर्स के स्टाफ ने पकड़ा हुआ है. इन लोगों को बॉर्डर स्टाफ एक चार्टर प्लेन में चढ़ा रहे हैं. लेबर पार्टी के सरकार में आने के बाद से अबतक लगभग 19 हजार लोगों को डिपोर्ट किया जा चुका है.

बॉर्डर सुरक्षा कानून

ये छापेमारी ऐसे समय में की जा रही है, जब लेबर पार्टी द्वारा लाया गया 'Asylum and Immigration Bill' दूसरी बार संसद में पढ़ने के लिए भेजा गया है. बकौल लेबर पार्टी, इस नए कानून का उद्देश्य 'क्रिमिनल गिरोहों का सफाया' करना है. पीएम स्टार्मर का कहना है कि ये गैंग्स देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं. अपने क्रिमिनल नेटवर्क्स का इस्तेमाल कर के ये गैंग्स अवैध रूप से लोगों को देश में घुसाते हैं. सरकार द्वार नए कानून में लॉ एनफ़ोर्समेंट एजेंसियों को अतिरिक्त पावर दी गई है. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि इससे आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई में एजेंसियां अधिक प्रभावी साबित होंगी. नए कानून के तहत एजेंसियों को गिरफ़्तारी से पहले संदिग्धों के मोबाइल फोन जब्त करने की पावर मिलेगी.

(यह भी पढ़ें: PM मोदी का फ्रांस दौरा, राफेल-एम और स्कॉर्पिन सबमरीन की डील पर लगेगी मुहर!)

वहीं ब्रिटेन की विपक्षी, कंजर्वेटिव पार्टी ने इसे एक कमजोर बिल करार दिया है. उनके मुताबिक इससे देश में आ रहे अवैध प्रवासियों पर रोक नहीं लग पाएगी. सरकार को अवैध प्रवासियों को रोकने और उन्हें परमानेंट रेजिडेंसी न मिले, इसे लेकर और कड़े प्रावधान करने चाहिए.

वीडियो: दुनियादारी: एलन मस्क को इतनी ताक़त क्यों दे रहे हैं डॉनल्ड ट्रंप?

Advertisement