दुनिया को मिल गया है विराट कोहली का तोड़!
फिर इसी कमी पर फंस गए कोहली.
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विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ पहले टी20 में नौ गेंद पर नौ रन बनाकर आउट हो गए. (फाइल फोटो- PTI)
टीम इंडिया चार दिसंबर को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ कैनबरा के मैदान पर उतरी. तीन टी20 मैच की सीरीज का पहला मैच खेलने. वनडे सीरीज 1-2 से हार चुकी टीम के लिए शुरुआत अच्छी नहीं रही और शिखर धवन छह गेंद पर एक रन बनाकर मिचेल स्टार्क की गेंद पर आउट हो गए. टीम इंडिया का स्कोर 2.5 ओवर में 11 रन पर एक विकेट हुआ तो कप्तान विराट कोहली मैदान पर उतरे. कोहली का बल्ला नहीं चल सका और नौ गेंद पर नौ रन बनाकर नए-नवेले गेंदबाज मिचेल स्वेपसन की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे. यूं तो ये विराट कोहली का एक ऑफ डे ही था. लेकिन जिस गेंदबाज ने उन्हें आउट किया, उससे चिंता बढ़ गई. स्वेपसन लेग स्पिनर हैं. और पिछले दो से तीन साल में विराट कोहली के गेम को नज़दीक से देखने वाले लोग समझ सकते है कि किस तरह कोहली बार-बार लेग स्पिनर के शिकार हो रहे हैं. पहले टी20 में भी कोहली स्वेपसन की हल्की सी शॉर्ट गेंद को बिल्कुल पढ़ नहीं सके. गेंद हल्की सी बाहर की ओर टर्न हुई और कोहली पूरी तरह बीट हुए.
2018 में कमी उभरी लेग स्पिनर के ख़िलाफ कोहली की कमजोरी खुलकर उजागर हुई थी 2018 में. भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई थी. कोहली तीन मैच की वनडे सीरीज में दो बार इंग्लिश लेग स्पिनर आदिल रशीद की गेंद पर आउट हुए थे. राशिद ने पूरी तरह कोहली को बीट कर दिया था. हालांकि जनवरी 2012 के बाद से बात करें तो कोहली राशिद का शिकार बनने से पहले भी पांच बार लेग स्पिनर के सामने फंस चुके थे. पिछले दो साल में तो ऑस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर एडम जैंपा ने तीन बार विराट कोहली को आउट किया है. बड़ी बात ये है कि इनमें से दो बार तो कोहली अच्छे से नज़रें जमाने के बाद जैंपा के शिकार बने. एक बार 44 रन बनाकर, दूसरी बार 123 रन बनाकर. नंबर गेम वनडे में कोहली ने 185 बार लेग स्पिनर का सामना किया है. 17 बार आउट हुए हैं. टी20 में भी कोहली को लेग स्पिनर काफी परेशान करते हैं. इनके सामने 29 फीसदी गेंदें कोहली डॉट ही खेलते हैं. दरअसल कोहली स्पिनर्स के खिलाफ हमेशा इस सोच के साथ खेलते हैं कि उन्हें गेंद की लाइन में आकर सिंगल निकालना है. यहीं पर वो लेग स्पिनर्स के ख़िलाफ फंस रहे हैं. क्योंकि लेग स्पिनर्स के हाथ में उन्हें गेंद की सीम नहीं दिखती. फिर गेंद टप्पा खाने के बाद घूमती है तो कोहली भांप नहीं पाते हैं. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि लेग स्पिनर्स के ख़िलाफ कोहली को गेंद की लाइन में आने की बजाय ख़ुद को कुछ रूम देकर खेलने की कोशिश करनी चाहिए.
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