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असम: गलती से बदल गए थे एक ही नाम की दो मांओं के बच्चे, तीन साल बाद ऐसे पता चला

तीन साल पहले नज़मा खानम डिलीवरी के लिए अस्पताल गई थीं. उसी दौरान नज़मा खातून नाम की एक और महिला आईं, जो गर्भवती थीं और उनकी भी डिलीवरी होनी थी. दोनों ने एक साथ बच्चों को जन्म दिया. लेकिन इस दौरान एक महिला के बच्चे की मौत हो गई.

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नज़मा खानम और उनके पति के साथ बच्चे की फोटो. (ANI)

जरा सोचिए. आपके घर बच्चा जन्म ले. लेकिन आपको बच्चा ना मिले. कह दिया जाए कि आपका बच्चे की मौत हो गई. फिर तीन साल तक आपको कानूनी लड़ाई लड़नी पड़े. तब जाकर आपको बच्चा वापस मिले. ये कहानी नहीं है. ऐसा असल में हुआ है.

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असम के बारपेटा में एक मां-बाप को तीन साल बाद कल 11 जून को अपना बेटा वापस मिला. तीन साल पहले नज़मा खानम डिलीवरी के लिए अस्पताल गई थीं. उसी दौरान नज़मा खातून नाम की एक और महिला आईं, जो गर्भवती थीं और उनकी भी डिलीवरी होनी थी. दोनों ने एक साथ बच्चों को जन्म दिया. लेकिन इस दौरान एक महिला के बच्चे की मौत हो गई. और तभी कुछ ऐसा हुआ जिसने दोनों महिलाओं और दोनों परिवारों को कई सालों के लिए परेशानी में डाल दिया.

अस्पताल में कथित तौर पर नर्स से गलती हुई. और नर्स ने नज़मा खानम के बच्चे को नज़मा खातून को सौंप दिया. और खानम परिवार से कहा कि उनके बच्चे की मौत हो गई.

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नज़मा खानम को शक हुआ. उन्होंने कहा कि उनका बच्चा पूरी तरह स्वस्थ था, तो उसकी मौत कैसे हुई. उन्होंने मुकदमा कर दिया. तीन साल बाद DNA टेस्ट कराया गया. तब पता चला कि बच्चा किसका था. इसके बाद बच्चे को असली मां बाप को सौंप दिया गया. 

इस पूरे मामले के बारे में सरकारी वकील अब्दुल मन्नान ने मीडिया को बताया,

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नज़मा ख़ानम और नज़मा खातून ने मई, 2019 में बच्चों को जन्म दिया. खातून के बच्चे की मृत्यु हो गई लेकिन नज़मा खानम का बच्चा उसे दे दिया गया. खानम के परिवार ने शिकायत दर्ज कराई कि उनका बच्चा जिंदा है. डीएनए टेस्ट हुआ, जो पॉजिटिव आया. जिसके बाद बच्चा उन्हें लौटा दिया गया.

खबर भले ही छोटी हो लेकिन बीते तीन सालों में दोनों परिवारों को मानसिक तौर पर जिस उलझन का सामना करना पड़ा होगा. उसे बयां करना संभव नहीं है.

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