अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के शपथ लेते ही अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक्शन शुरू हो गया है. इसी एक्शन के चलते अमेरिका से निकाले गए अवैध प्रवासी भारतीय नागरिक बुधवार, 5 जनवरी को पंजाब पहुंचे. अमेरिका का मिलिट्री विमान इन्हें लेकर पंजाब पहुंचा. इसमें 104 भारतीय सवार थे. इनमें 79 पुरुष और 25 महिलाएं शामिल हैं. अमेरिका से भारत वापस भेजे गए इन भारतीयों में 33 गुजराती हैं. अमेरिका से गुजरात डिपोर्ट हुए परिवार के लोगों ने इंडिया टुडे से बातचीत में अपनी कहानी साझा की. इन्होंने क्या-क्या बताया है? आइए जानते हैं.
कोई घर बेचकर गया था, कोई सच छिपाकर... अमेरिका से वापस भेजे गए लोगों के परिवार ने क्या बताया?
Story of Indians deported from America: अमेरिका से भारत वापस भेजे गए भारतीयों में 33 गुजराती भी शामिल हैं. अमेरिका से गुजरात डिपोर्ट होने वाले कुछ लोगों के परिवार ने बहुत कुछ बताया है. परिवार ने बताया है कि ये लोग कैसे और किन परिस्थितियों में अमेरिका पहुंचे थे.
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मेहसाणा के दाभला गांव की रहने वाली निकिता भी स्वदेश लौट आई हैं. निकिता के पिता कनुभाई पटेल ने बताया कि उनकी बेटी यूरोप के टूर पर गई थी. उसके बाद वह अमेरिका चली गई. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी यूरोप का वीजा लेकर दो सहेलियों के साथ घूमने गई थी. पिता ने बताया कि उनकी आखिरी बार बात 14-15 जनवरी को हुई थी. तब बेटी ने यूरोप में होने की ही बात कही थी. लेकिन अमेरिका जाने की कोई चर्चा नहीं हुई थी. उन्होंने आगे कहा कि मीडिया के जरिए उन्हें जानकारी मिली कि गुजरात के 33 लोग वापस भेजे जा रहे हैं.
निकिता के पिता ने आगे बताया कि निकिता ने MSC की पढ़ाई की है. वह नौकरी की तलाश कर रही थी. उन्होंने यह भी कहा कि निकिता अमेरिका कैसे पहुंची. इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. कनुभाई ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले को गलत बताया. उन्होंने कहा कि अमेरिका में गुजरात और पंजाब के काफी लोग रहते हैं. इन्हें वापस नहीं भेजना चाहिए.
इसके अलावा गांधीनगर के किरण सिंह अपनी पत्नी और बेटे के साथ लौटे हैं. यह परिवार एक महीने पहले ही अमेरिका गया था. किरण सिंह की मां ने बताया कि उनके बेटे का परिवार अमेरिका कैसे गया. यह उन्हें नहीं पता, लेकिन जब उन्हें पता चला कि वे वापस भारत लौट रहे हैं. तो उन्हें दुख हुआ. वहीं गांव वालों का कहना है कि उन्हें किरण के अमेरिका जाने की कोई जानकारी नहीं थी.
सूरत के रहने वाले केतुल का परिवार भी लौट आया है. केतुल का घर खरीदने वाले प्रफुल्ल भाई पटेल ने बताया कि केतुल एक साल पहले फ्लैट बेचकर अमेरिका गया था. और अब अमेरिका में अवैध रूप से रहने की जानकारी प्राप्त हुई. प्रफुल्ल ने आगे कहा कि अगर केतुल को अमेरिका जाना ही था. तो उसे कानूनी तरीके से वहां रहना चाहिए था. उन्होंने यह भी कहा कि केतुल का परिवार स्वभाव से बहुत अच्छा था. फ्लैट एक एजेंट के जरिए प्रफुल्ल भाई पटेल ने खरीदा था.
कोलंबिया बोला आपका विमान हमारे यहां न आएडॉनल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद से ये अमेरिका में रह रहे भारतीयों का पहला निर्वासन है. भारत के अलावा अमेरिका से ब्राज़ील, ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास के लोगों को भी सेना के विमान से वापस भेजा गया है.
डॉनल्ड ट्रंप ने जब कोलंबिया के अवैध प्रवासियों को अमेरिकी सेना के विमान से उनके देश वापस भेजने की घोषणा की तो कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेड्रो ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि वो अपने नागरिकों की 'गरिमा' को बरक़रार रखना चाहते हैं. इसके बाद कोलंबिया वायु सेना के दो विमान अमेरिका गए और वो अवैध प्रवासियों को लेकर राजधानी बोगोटा पहुंचे.
इससे पहले, ब्राज़ील के अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजते समय अमेरिकी सेना के विमान की कुछ तस्वीरें भी सार्वजनिक हुई थीं जिनमें लोगों को हथकड़ियां और बेड़ियां पहनाई गई थीं. इन तस्वीरों के सामने आने के बाद डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन की खूब आलोचना की गई. लेकिन इसके बाद भी डॉनल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को लेकर कोई नरमी नहीं बरती.
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