राजस्थान के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर आरोप लगाया है कि उसने ‘UPSC में सेलेक्शन’ के लिए उससे शादी की थी और अब तलाक मांग रही है. इस शख्स का कहना है कि महिला ने UPSC में ‘तलाक कोटे’ का लाभ लेने के लिए उससे डिवॉर्स मांगा है. इसके बाद पति ने जयपुर में पत्नी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.
शादी की सालगिरह मनाने आया था पति, पत्नी ने 'तलाक से UPSC' निकालने की बात कह दी
पिछले साल ही दोनों की शादी हुई थी. युवक का आरोप है कि उसकी पत्नी ने शादी के दूसरे दिन ही उससे तलाक मांग लिया था. विवाह के करीब डेढ़ महीने बाद पत्नी ने मोबाइल फोन पर उससे बात करना बंद कर दिया था. वहीं महिला पक्ष का कहना है कि पति उसके साथ मारपीट करता था.

इंडिया टुडे से जुड़े विशाल शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित युवक ने बताया कि वो फोटोग्राफर है. साल 2013 में वो अपने काम से प्रतापगढ़ गया था. वहां उसकी मुलाकात आरोपी महिला से हुई. इसके बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई.
साल 2016 में महिला पढ़ाई के लिए जयपुर आ गई. पीड़ित शख्स का दावा है कि उसने महिला की पढ़ाई का खर्च उठाया और उसे कॉम्पिटिशन की तैयारी करवाई. तैयारी के दौरान ही दोनों लिव इन रिलेशनशिप में आ गए और वैशाली नगर में रहने लगे. साल 2021 में परिजनों की सहमति से प्रतापगढ़ में दोनों की सगाई हो गई. दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक साल 2022 में ट्राइबल सब प्लान कोटे के तहत महिला की सरकारी नौकरी लग गई.
नौकरी लगने के बाद महिला ने कहा कि वो UPSC एग्जाम की तैयारी करेगी. उसने पहले तो शादी करने से इनकार कर दिया, लेकिन बाद में युवक से कहा कि अगर वो उसे UPSC की तैयारी करने में साथ देगा तो वो शादी कर लेगी. फरवरी 2023 में प्रतापगढ़ में दोनों की शादी हो गई. शादी के अगले दिन युवक महिला को लेकर जयपुर आ गया. ससुराल में शादी की रस्म पूरी होते ही महिला ने युवक से तलाक की मांग रख दी. महिला ने कहा कि एक साल होने पर वो आपसी सहमति से तलाक ले लेंगे.
महिला कथित तौर पर UPSC में तलाक कोटे का फायदा उठाना चाहती थी. रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित युवक ने बताया कि उसकी पत्नी ने शादी के दूसरे दिन उससे तलाक मांग लिया था. यही नहीं युवक ने आरोप लगाए कि शादी के करीब डेढ़ महीने बाद उसकी पत्नी ने मोबाइल फोन पर उससे बात करना बंद कर दिया था. शादी का एक साल पूरा होने पर युवक ने महिला से सालगिरह मनाने की बात कही. लेकिन महिला ने कथित तौर पर उसे धमकी दी. कहा कि तलाक देने से इनकार करने पर ‘जेल’ भिजवा देगी. इसके बाद शख्स ने करधनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई.
महिला पक्ष के आरोपवहीं मामले में महिला पक्ष का कहना है कि युवक-युवती एक दूसरे को पहले से जानते जरूर थे, लेकिन दो साल से इनके रिश्ते में खटास आ गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक महिला पक्ष की तरफ से कहा गया,
“युवक ने शादी के दो साल पहले से ही युवती को शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया. गंदी गालियां दीं. परिवार वालों के लिए भी बुरा भला बोलता रहा. युवती सहती रही और उम्मीद करती रही कि युवक का यह व्यवहार ठीक हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.”
महिला के परिवार वालों ने बताया कि आखिर में युवक की हरकतों से परेशान होकर युवती ने फैसला लिया कि वो शादी नहीं करेगी. लेकिन युवक लगातार लड़की पर शादी का दबाव बनाता रहा. महिला के परिजनों का कहना है कि उसकी पढ़ाई का सारा खर्च उन्होंने उठाया है. वो अलग से पीजी में रहती है. इतना ही नहीं, परिवार वालों का कहना है कि UPSC में तलाकशुदा कोटे का लाभ लेने के आरोप पूरी तरह से झूठे हैं.
UPSC में ऐसा कोई कोटा नहींजानकारी के लिए बता दें कि UPSC में विधवा और तलाकशुदा महिलाओं का अलग से कोई भी कोटा नहीं होता है. UPSC में एससी (SC), एसटी (ST), ओबीसी (OBC), आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) और विकलांग कैटेगरी को ही आरक्षण मिलता है. इन कैटेगरी के उम्मीदवारों को अपर एज लिमिट में पांच साल तक की छूट दी जाती है.
हालांकि केंद्र सरकार की दूसरी नौकरियों में विधवा, तलाकशुदा महिलाओं को पांच साल अपर एज लिमिट में छूट मिलती है. ये छूट ग्रुप सी और डी की नौकरियों में दी जाती है. ग्रुप ए और बी सर्विस में छूट उसी मामले में मिलती है, जब सीधी भर्ती परीक्षा से चयन न हुआ हो. यानी कोई IAS या IPS जैसे पदों पर प्रमोट होकर पहुंचा हो.
RAS में कोटादैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान सरकार की सभी नौकरियों में विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को अलग से आरक्षण दिया जाता है. तलाकशुदा महिलाओं का कोटा राज्य सेवा से लेकर सभी नौकरियों में है. महिला आरक्षण के तीस फीसदी कोटे में से आठ फीसदी हिस्सा विधवा महिलाओं को दिया जाता है. वहीं इसका 2 प्रतिशत हिस्सा तलाकशुदा महिलाओं के लिए आरक्षित है.
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