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दिल्ली: हिंदू सेना ने लगाए पुतिन समर्थन के पोस्टर, 'अखंड रूस' की स्थापना की बात कही

संगठन बोला, भारत के हिंदू पुतिन के साथ, स्थापित हो सोवियत संघ.

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हिंदू सेना ने रूस को समर्थन वाले संदेश के साथ मंडी हाउस में पोस्टर लगाए. (फोटो-ट्विटर)

रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष लगातार कई दिनों से जारी है. इस बीच कई देशों और समूहों ने इस संघर्ष पर प्रतिक्रियाएं दी हैं. इनमें से कुछ ने हमला करने के लिए रूस की निंदा की है, तो कुछ बिना कुछ कहे रूस के समर्थन में भी हैं. भारत ने बिना किसी एक पक्ष का समर्थन किए, इस मामले में शांति बहाल करने की अपील की. इधर देश में एक ऐसा खेमा है, जिसे रूस का कदम सही लग रहा है और अब वो उसके समर्थन में पोस्टर लगाता नजर आ रहा है. हम बात कर रहे हैं हिंदू सेना (Hindu sena) नाम के संगठन की. जिसने रूस और उनके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समर्थन में दिल्ली के मंडी हाउस पर पोस्टर लगाए हैं.

दिल्ली के मंडी हाउस (Mandi House) इलाके में महान रूसी कवि एलेक्जेंडर पुश्किन की मूर्ति पर हिंदू सेना ने पोस्टर चिपकाए हैं. इस पोस्टर के जरिए संगठन रूस को अपना समर्थन दे रहा है. पोस्टर में लिखा है,


भारतीय हिंदू सोवियत संघ की स्थापना करने के लिए पुतिन और रूस के साथ हैं. जय हो अखंड रूस, जय भारत.

हिंदू सेना पोस्टर से रूस को सोवियत संघ स्थापित करने के लिए समर्थन देने का संदेश दे रही है. (फोटो- ट्विटर)
हिंदू सेना नाम का संगठन पोस्टर के जरिए रूस को सोवियत संघ स्थापित करने के लिए समर्थन देने का संदेश दे रहा है. (फोटो- ट्विटर)

पोस्टर के सबसे नीचे हिंदू सेना का नाम लिखा हुआ है. ऐसे दो पोस्टर हिंदू सेना ने पुश्किन की मूर्ति पर चिपकाए हैं. आपको बता दें कि एलेक्जेंडर पुश्किन रूस के सर्वश्रेष्ठ कवियों में से एक थे. दिल्ली के कला के केंद्र के तौर पर मशहूर मंडी हाउस में उनकी आदमकद प्रतिमा लगाई गई है. रूस और भारत के मजबूत संबंधों की मिसाल दर्शाते हुए दिल्ली में कई सड़के भी रूस की महान हस्तियों के नाम पर हैं.


भारत ने किसी एक का पक्ष लेने से बनाई दूरी

संबंध रूस के साथ कितने भी मजबूत हों, लेकिन इस युद्ध में भारत ने रूस के समर्थन की बात नहीं कही है. रूस और यूक्रेन विवाद में भारत ने युद्ध को लेकर दोनों देशों से बात की और हिंसा खत्म कर बातचीत से मसला हल करने की ही अपील की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अमेरिका ने जब रूस के खिलाफ प्रस्ताव रखा तो भारत ने उसमें वोटिंग से दूरी बनाई. इधर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से बात करके युद्ध में हुए नुकसान पर दुख भी जताया. भारत की ओर से जारी किसी भी आधिकारिक बयान में अब तक किसी एक देश का समर्थन नहीं किया गया है. हालांकि, कुछ लोग रूस की ओर हैं तो कुछ यूक्रेन के साथ हमदर्दी जता रहे हैं. दोनों ही तरह के लोगों के पास समर्थन के अपने-अपने कारण हैं. कुछ मोर्चों ने यूक्रेन के साथ सहानुभूति दिखाते हुए पैदल मार्च का आयोजन किया, तो वहीं, हिंदू सेना जैसे संगठन रूस को समर्थन देने के लिए पोस्टर लगा रहे हैं.