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बांग्लादेश में बुजुर्ग हिंदू दंपति की हत्या, आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी, दोनों बेटे पुलिस में हैं

मृतक दंपति के दो बेटे हैं, दोनों बांग्लादेश पुलिस में काम करते हैं.

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बांग्लादेश में अल्पसंख्यक की एक बार फिर हत्या. (सांकेतिक तस्वीर- India Today)

1971 के मुक्ति संग्राम के एक स्वतंत्रता सेनानी और उनकी पत्नी बांग्लादेश के रंगपुर में अपने घर में गले कटे हुए मृत पाए गए. 75 वर्षीय योगेश चंद्र राय और उनकी पत्नी सुवर्णा राय की मौत के बारे में 7 दिसंबर की सुबह पड़ोसियों ने तब देखीं जब दरवाज़ा खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला. बताया गया है कि दंपत्ति के दो बेटे हैं, दोनों बांग्लादेश पुलिस में काम करते हैं.

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रंगपुर जिले के उत्तरी रहीमापुर इलाके में 7 दिसंबर की सुबह योगेश चंद्र राय और उनकी पत्नी की लाशें मिलीं. पड़ोसियों और घरेलू सहायक ने सुबह लगभग 7:30 बजे जब दरवाज़ा नहीं खुला, तो वे सीढ़ी लगाकर घर में घुसे. अंदर सुवर्णा राय की लाश रसोई में और योगेश राय की लाश डाइनिंग रूम में मिली. दोनों के गले कटे हुए थे.

अब तक किसी भी रिपोर्ट में हमलावरों के बारे में कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन शेख हसीना की अवामी लीग ने इन हत्याओं के लिए यूनुस सरकार और जमात-ए-इस्लामी को ज़िम्मेदार ठहराया है. पुलिस का कहना है कि हमला तड़के लगभग 1 बजे हुआ.

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योगेश चंद्र राय 1971 के युद्ध के फ्रीडम फाइटर थे और बाद में सरकारी प्राथमिक स्कूल के शिक्षक बने. वे 2017 में रिटायर हुए थे. दंपत्ति अपने गांव के घर में अकेले रहते थे. उनके दोनों बेटे शोवेन चंद्र राय और राजेश खन्ना चंद्र राय, बांग्लादेश पुलिस के अलग-अलग विभागों में तैनात हैं.

यह हत्याएं ऐसे समय में हुई हैं जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर चिंता बढ़ रही है.अल्पसंख्यक अधिकार समूहों का कहना है कि अगस्त 2024 में शेख हसीना के हटने के बाद से बांग्लादेश में हजारों साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुईं, हालांकि पड़ोसी मुल्क की सरकार के शीर्ष नेता यूनुस ने इन रिपोर्टों को "बढ़ा-चढ़ाकर कही गई बातें" बताया है.

शेख हसीना सरकार के हटने के बाद देश के कई जिलों में हिंदू घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हमले हुए हैं. दिसंबर 2024 में सुनामगंज ज़िले के मोंगलरगांव में सोशल मीडिया पर कथित विवादित पोस्ट के बाद एक भीड़ ने कम से कम 20 घरों और एक मंदिर पर हमला किया था.

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बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल के अनुसार, 4 से 20 अगस्त 2024 के बीच अल्पसंख्यकों पर लगभग 2,000 साम्प्रदायिक हमले हुए, जिनमें 9 हिंदू मारे गए और 69 प्रार्थना स्थलों पर हमले हुए.
 

वीडियो: दुनियादारी: बांग्लादेश की कोर्ट ने शेख हसीना को सुनाई मौत की सजा, भारत ने क्या कहा?

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