केरल के मलाप्पुरम में फिलिस्तीन के समर्थन में 27 अक्टूबर को एक रैली निकाली गई. इस रैली में फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास के एक नेता भी ऑनलाइन मोड में शामिल हुए, जिसके बाद बवाल शुरू हो गया है. इस रैली का आयोजन सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट ने किया था. आरोप है कि इस रैली में हमास नेता खालिद मशेल ने ऑनलाइन हिस्सा लिया. इतना ही नहीं उसने कथित तौर पर रैली में शामिल लोगों को संबोधित भी किया. इस रैली से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है.
हमास का नेता केरल की फिलिस्तीन समर्थक रैली में जुड़ा, BJP ने लेफ्ट-कांग्रेस दोनों को घेर लिया
फिलिस्तीन समर्थक रैली में बुलडोजर, हिंदुत्व और यहूदीवाद को उखाड़ फेंकने के नारे लगे.

बता दें, सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट ‘जमात-ए-इस्लामी’ की यूथ विंग है. रैली में नारा दिया गया- बुलडोजर, हिंदुत्व और यहूदीवाद को उखाड़ फेंको. रैली का एक पोस्टर भी सामने आया है जिसमें खालिद मशेल की फोटो दिख रही है.

केरल BJP अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है,
“मलाप्पुरम में सॉलिडेरिटी कार्यक्रम में हमास नेता खालिद मशेल का वर्चुअल संबोधन चिंताजनक है. पिनाराई विजयन की केरल पुलिस कहां है? 'फिलिस्तीन बचाओ' की आड़ में वो एक आतंकवादी संगठन हमास और उसके नेताओं को 'योद्धा' के रूप में महिमामंडित कर रहे हैं. ये अस्वीकार्य है!”
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा,
“हमास के आतंकी ने केरल में भाषण दिया है और उसने वहां हिन्दू को खत्म करने की बात कही. मैं बता दूं उन्हें कि भारत में कई आए लेकिन कुछ नहीं कर पाए. वैसे ही हमास का भी नाश हो जाएगा. भारत फिलिस्तीन के साथ खड़ा है लेकिन प्रियंका गांधी वोट के लिए आतंकवादी हमास के साथ खड़ी है.”
इससे पहले 26 अक्टूबर को केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF के प्रमुख सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने गाजा में मरने वाले लोगों के लिए कोझिकोड में एक रैली का आयोजन किया था. रैली में भाग लेने गए कांग्रेस सांसद शशि थरूर की BJP ने जमकर आलोचना की और इसे ‘हमास समर्थक’ कार्यक्रम करार दिया.
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को तीन हफ्ते हो गए हैं. हमास के हमले का जवाब देने के लिए इजरायल लगातार गाजा पर बमबारी कर रहा है. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, गाजा में अब तक करीब 7 हजार लोग मारे गए हैं. इनमें 3 हजार बच्चे शामिल हैं. वहीं इजरायल में मरने वालों की संख्या 1400 बताई जा रही है.