गुजरात (Gujarat Flood) में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण 3 लोगों की मौत हो गई है. 7 लोग लापता हैं तो वहीं करीब 20 हजार लोग विस्थापित हो गए हैं. राज्य के 33 जिलों के 251 तालुका में भारी बारिश हुई है. सबसे ज्यादा बारिश मोरबी के टंकारा और पंचमहाल के मोरवाहडफ में हुई. यहां करीब 14 इंच बारिश दर्ज की गई है. इसके अलावा खेड़ा, वडोदरा, आनंद, कच्छ, महीसागर, राजकोट, अहमदाबाद, जामनगर, डांग, पाटन, सुरेन्द्रनगर, महीसागर, गांधीनगर, बोटाद, छोटाउदेपुर और नर्मदा जिले में भी भारी बारिश हुई है. इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने राज्य के 27 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है. अलर्ट अगले 5 दिनों के लिए है. IMD ने एक सितंबर तक राज्य में भारी बारिश का अनुमान जताया है.
भारी बारिश से पूरे गुजरात में बाढ़ जैसे हालात, 3 लोगों की मौत, 20 हजार विस्थापित
Gujarat Flood: अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने एक सेफ्टी एडवाइजरी जारी की है. इसमें उन इलाकों से बचने को कहा गया है जहां बाढ़ आ सकती है. साथ निचले और जलभराव वाले इलाकों से भी दूर रहने को कहा गया है.
.webp?width=360)
इस दौरान गुजरात से बाढ़ की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं. वलसाड में NDRF की टीम ने पानी में फंसे लोगों की जान बचाई. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इन तस्वीरों को रिपोस्ट किया है.

अहमदाबाद के मणिनगर में बारिश का पानी भर गया है. पानी के कारण सड़कों पर गाड़ियां फंस गईं. अहमदाबाद जिले के लिए IMD ने बिजली चमकने के साथ हल्की आंधी का अनुमान जताया है.
ये भी पढ़ें: "भारत ने पानी छोड़ कर बाढ़ ला दी", बांग्लादेश के गंभीर आरोप पर सरकार का जवाब आया है
इस बीच अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने एक सेफ्टी एडवाइजरी जारी की है. इसमें उन इलाकों से बचने को कहा गया है, जहां बाढ़ आ सकती है. साथ ही निचले और जलभराव वाले इलाकों से भी दूर रहने को कहा गया है. कुछ और सुझाव भी दिए गए हैं-
- यदि यात्रा करने की आवश्यकता है, तो अत्यधिक सावधानी बरतें. गाड़ी की गति कम रखें, हेडलाइट चालू रखें. और बाढ़ वाली सड़कों पर वाहन चलाने से बचें. जोखिम न लें.
- यदि संभव हो तो घर के अंदर रहें या तूफानी बाढ़ से जुड़े जोखिमों से बचने के लिए सुरक्षित जगहों की तलाश करें.
- कच्चे घरों में रहने वालें तुरंत घर खाली करें और सुरक्षित जगह पर चले जाएं.
- स्थानीय समाचार या आधिकारिक चैनलों के माध्यम से मौसम की रिपोर्ट और आपातकालीन अलर्ट पर नजर बनाए रखें.
- बिजली कटौती या अन्य आपात स्थिति के लिए पानी, भोजन, टॉर्च और फर्स्ट एड सहित एक आपातकालीन किट तैयार रखें.
खबरें हैं कि गांधीनगर के संत सरोवर बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था. इसके कारण बांध के 3 गेटों को खोल दिया गया है. आसपास के गांवों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
IMD इन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है- कच्छ, मोरबी, सुरेन्द्रनगर, जामनगर, राजकोट, द्वारका, पोरबंदर, गिरसोमनाथ, जूनागढ़, पंचमहल, दाहोद, तापी, नवसारी, वलसाड, अहमदाबाद, बोटाद, अमरेली, आनंद, खेड़ा, महीसागर, पंचमहाल, नर्मदा, वडोदरा, छोटाउदेपुर, सूरत, डांग और दाहोद. बाकी के 6 जिलों बनासकांठा, पाटन, महेसाणा, गांधीनगर, साबरकांठा और अरवल्ली में ऑरेंज अलर्ट जारी है.
523 सड़कें बंदबारिश से प्रभावित जिलों में NDRF की 13 टीमें और SDRF की 22 टीमें तैनात की गई हैं, जो बचाव और राहत कार्यों में मदद कर रही हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 206 जलाशयों में से 59 जलाशय 100% भरे हुए हैं, 72 जलाशय हाई अलर्ट पर हैं और 22 अलर्ट पर हैं, 9 में बाढ़ की चेतावनी है और 7 नदियां उफान पर हैं. राज्य भर में 7009 गांवों की बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई, जिनमें से 6977 गांवों में बिजली बहाल कर दी गई है. राज्य में सूरत, नवसारी, वलसाड, तापी डांग और छोटा उदयपुर जिलों में कुल 523 सड़कें बंद हैं.
बाजवा स्टेशन पर जलभराव के कारण 12 ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं. 5 को बीच रास्ते में ही रोक दिया गया और 6 का रूट बदल दिया गया है.
भारी बारिश का कारण क्या है?IMD के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश और उससे सटे पूर्वी राजस्थान पर बना दबाव अब और अधिक हो गया है. IMD ने गुजरात के साथ-साथ गोवा और महाराष्ट्र में आने वाले दिनों में भारी से लेकर बेहद भारी बारिश की चेतावनी दी है.
वीडियो: दिल्ली में बाढ़ का जिम्मेवार कौन?