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लड़की, फोटोशॉप, बिकिनी, सुसाइड. Shame!

फेसबुक पर फोटोशॉप्ड तस्वीरें वायरल हो गई थीं. लड़की शर्मिंदगी नहीं झेल पाई.

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21 साल की विनुप्रिया बीते सोमवार अपने कमरे में मरी हुई पाई गई. कमरे में मिले सुसाइड नोट में लिखा था, 'जो भी हुआ, मैं उसका सामना नहीं कर सकती. मां-बाप भी यही समझते हैं की ये मेरी गलती थी. कि अपनी ही बदनामी में मेरा हाथ था.'
सालेम में रहने वाली विनुप्रिया की तस्वीरें फेसबुक से उठाकर किसी ने 'मॉर्फ़' कर दी थीं. यानी उनके साथ खिलवाड़ कर, उन्हें बदल दिया था. विनुप्रिया की शक्ल को बिकिनी पहने एक औरत के धड़ से जोड़ दिया था. इन बिगड़ी हुई तस्वीरों को पिछले हफ्ते फेसबुक पर अपलोड किया गया. विनुप्रिया को उसके दोस्तों ने बताया कि उसे उसकी ही बिकिनी वाली तस्वीरों में उसे टैग किया गया है. विनुप्रिया घबरा गई. घर पे बताया, पिता ने डिस्ट्रिक्ट SP से शिकायत की. लेकिन पुलिस ने कोई भी कदम नहीं उठाया. और बात फेसबुक से आगे बढ़ गई. किसी ने विनु के पापा को उसकी बिकिनी में तस्वीर भेज दी. ये विनुप्रिया के लिए हद थी. जब घर पर कोई नहीं था, उसने खुद को फांसी लगा ली. घरवाले जब वापस आए, बेटी को अस्पताल लेकर दौड़े. लेकिन तब तक विनुप्रिया मर चुकी थी. विनु अपनी B.Sc की पढ़ाई ख़त्म करने के बाद नौकरी की तैयारी कर रही थी. पिता कहते हैं कि पुलिस अगर समय से एक्शन लेती, तो उनकी बेटी जिंदा होती. पुलिस ने क्यों नहीं उठाया कोई कदम क्योंकि उन्हें शायद लगा हो, कि लड़की की शिकायत, शिकायत नहीं होती. या साइबर क्राइम, क्राइम नहीं होता. या एक 50 साल के जुलाहे की लड़की का मान, मान नहीं होता. क्यों लड़कियों को परेशान करने का ये 'बेस्ट' तरीका है क्योंकि हम आदी हैं, लड़की की 'इज्जत' को उसके शरीर से जोड़कर देखने के. लड़कियों का यौन शोषण एक ऐसा अपराध है, जिसमें अपराधी से ज्यादा उसे शर्म आती है जिसके साथ अपराध हुआ है. तो उनकी फोटो उठाकर एडिट कर दो. इस क्राइम से तुम्हारा क्या नुकसान होगा. नुकसान तो उसका होगा, जिसकी 'इज्जत' गई है. साइबर क्राइम करने वाले ये जानते हैं कि लोगों में आज भी इतनी जागरूकता नहीं है कि फेसबुक पर तस्वीरों को चुराने को क्राइम मानें. खुले में टट्टी करने वाले और 4 बच्चों को एक साथ एक ही कमरे में बड़ा करते, पांचवे बच्चे की तैयारी करते मां-बापों के इस देश में प्राइवेसी किस चिड़िया को कहते हैं, कोई नहीं जानता. इस खबर को पढ़ने-देखने के बाद जाने कितने मां-बाप अपनी बेटियों से कहेंगे कि फेसबुक छोड़ दो. या अपनी तस्वीरें हटा लो. न्यूज़ चैनल घर-घर में सोशल मीडिया के कहर के बारे में बताएंगे. और खुद को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी फिर से औरतों पर आ जाएगी. उनका कुछ नहीं होगा, जो क्रिमिनल हैं. ये सुसाइड है, या सामूहिक मर्डर? किसी की तस्वीरें चुराना और उन्हें बिगाड़ना अपराध है. लेकिन लड़की ने सुसाइड इसलिए नहीं की क्योंकि उसकी फोटो चोरी हुई थी. इसलिए भी नहीं, कि उन्हें मॉर्फ़ किया गया. बल्कि इसलिए की, क्योंकि वो आने वाले समय का प्रेशर नहीं झेल सकती सकती थी. वो ये नहीं झेल सकती थी कि उसके मां-बाप उसकी बदनामी का दोष उसी को दें. कितनी ही लड़कियां तस्वीरें और MMS क्लिप लीक होने पर जान दे देती हैं. शादी के पहले प्रेगनेंट होने पर सुसाइड करती हैं. ये असल में सुसाइड नहीं होता. मर्डर होता है, जो हमारा समाज, रूढ़ियों और नैतिकता के बोझ तले दबी हमारी सोच करती है. हम फिर भी लड़की की फोटो को 'ब्लर' करते हैं वो लड़की अब हमारे बीच नहीं. हम जानते हैं उसने ऐसा कोई काम नहीं किया कि जीते जी या मरने के बाद भी उसे अपनी शक्ल छिपाने के लिए. लेकिन हम सोचते हैं कि इसी शक्ल के दिखने से उसने जान दी है. लड़की के जिस्म को पूरे परिवार की 'इज्जत' से जोड़ने वाले शायद आज भी  ये तस्वीरें देख उसके मां-बाप पर थूकें.
ये कैसी शर्म है, जो बिकिनी पहनने, पेट या स्तन दिखने दिखने को इतना भयानक बना देती है कि औरतें अपनी जान दे दें. अगर आप माता, पिता, भाई, पति, बॉयफ्रेंड, बड़ी बहन, दोस्त या कोई भी ऐसे व्यक्ति हैं, जिसके आस-पास एक ऐसी लड़की है, जो सोशल मीडिया पर एक्टिव है, आप ये खबर पर उसके बारे में सोचेंगे. अगर आप खुद एक लड़की हैं, आप शायद झट से अपनी सभी तस्वीरों की प्राइवेसी सेटिंग चेंज कर डालें. लेकिन याद रखें, ये कोई हल नहीं है. आप ऐसा कर सिर्फ भविष्य में ऐसे और 'सामूहिक मर्डर' को बढ़ावा देंगे.