एक फिल्म आ रही है 'गंगूबाई काठियावाड़ी'. आलिया भट्ट लीड रोल में हैं और इसे डायरेक्ट कर रहे हैं संजय लीला भंसाली. अभी फिल्म की शूटिंग पूरी भी नहीं हुई कि ये फिल्म कानूनी पचड़ों में फंसती नज़र आ रही है. इसके खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया गया है. शूटिंग रोकने की मांग की जा रही है. 'आज तक' की रिपोर्ट के मुताबिक, ये केस असल गंगूबाई के बेटे बाबूजी रावजी शाह ने फाइल किया है. उन्होंने फिल्म के मेकर्स के खिलाफ केस दर्ज करवाया है.
आलिया भट्ट की 'गंगूबाई काठियावाड़ी' की शूटिंग कौन रुकवाना चाहता है?
कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटा दिया गया है.

क्या है पूरा मामला?
यूं तो फिल्म में असल गंगूबाई की रियल लाइफ और उनका स्ट्रगल दिखाया जा रहा है, लेकिन फिल्म की कहानी बेस्ड है एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वीन ऑफ मुंबई' पर. इस किताब में हुसैन जैदी ने गंगूबाई काठियावाड़ी के बारे में भी बताया है. और उन्होंने किताब में रिपोर्टर जेन बोर्गिस की ओरिजनल रिसर्च के आधार पर बातें लिखी हैं. अब गंगूबाई के बेटे ने इस किताब की कुछ बातों को मानहानिकारक बताया है. उन्होंने पेज 50 से लेकर 69 के बीच को गलत बताया है. उनका कहना है कि ये किताब उनके प्राइवेट मामलों में दखल देती है.
बाबूजी रावजी के वकील हैं नरेंद्र दुबे. उन्होंने एक मीडिया पोर्टल से कहा कि जब से फिल्म का पोस्टर वगैरह सामने आया है, तब से गंगूबाई के परिवार को परेशान किया जा रहा है. उनके परिवार को लेकर अफवाहें फैलनी शुरू हो गई हैं और परिवार के लोगों को वेश्या के परिवार के लोग बुलाया जा रहा है.
कौन थीं गंगूबाई?
गंगूबाई, वो सेक्स वर्कर थीं जिन्होंने सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई. प्रधानमंत्री तक के पास पहुंच गईं. उनकी तस्वीर कमाठीपुरा की हर सेक्स वर्कर अपने पास रखा करती थी. 'माफ़िया क्वीन्स ऑफ मुंबई' किताब के मुताबिक, 16 बरस की उम्र में गंगूबाई गुजरात के काठियावाड़ से मुंबई आई थीं. उन्हें शादी के बहाने धोखा देकर मुंबई लाया गया और कमाठीपुरा में बेच दिया गया. गंगूबाई ने विरोध किया, लेकिन किसी ने कुछ सुना नहीं, आखिर में उन्हें ज़िंदगी से समझौता करना पड़ गया. उन्होंने कमाठीपुरा के वेश्यालय में रहना स्वीकार कर लिया. वेश्यालय में रहते हुए भी गंगूबाई ने सही-गलत की हमेशा पहचान रखी, उन्होंने डॉन करीम लाला को राखी भी बांधी. सेक्स वर्कर्स के लिए बहुत काम किया. मुंबई के आज़ाद मैदान में दिए एक भाषण में उन्होंने पूरी भीड़ को थर्रा दिया था. इसमें उन्होंने कहा था कि अगर कमाठीपुरा की औरतें न हों, तो मुंबई की सड़कें औरतों के लिए असुरक्षित हो जाएंगी. मर्दों का वहशीपना वो वेश्याएं झेल लेती हैं, जिनको लोग नीची नज़र से देखते हैं.
इसी गंगूबाई काठियावाड़ी की तस्वीर कमाठीपुरा के कई कमरों में सेक्स वर्कर्स ने लगाईं. उन्हें मैडम ऑफ कमाठीपुरा कहा जाता था. संजय लीला भंसाली जो फिल्म बना रहे हैं पहले वो सितंबर 2020 में रिलीज़ होने वाली थी, लेकिन कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण ये प्लान फेल हो गया. अब लॉकडाउन के बाद फिल्म की दोबारा शूटिंग शुरू कर दी गई है.