भारत के 14वें प्रधानमंत्री रहे डॉक्टर मनमोहन सिंह को देश में आर्थिक सुधारों का निर्माता माना जाता है. 22 मई, 2004 को पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले डॉ सिंह ने 26 मई, 2014 तक लगातार दो कार्यकाल पूरे किए. उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार का कुल 3,656 दिनों तक नेतृत्व किया था. वो उस समय तक जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी के बाद भारत के इतिहास में चौथे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री थे. दुनियाभर की मीडिया ने डॉ मनमोहन सिंह के निधन की खबरों को प्रमुखता से छापा है.
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर विदेशी मीडिया में क्या छपा है?
Manmohan Singh को एक पीएम के अलावा एक अर्थशास्त्री के तौर पर भी देखा जाता है. वर्तमान भारत में भी उनके फैसलों का असर दिखता है. यही वजह है कि दुनियाभर की मीडिया ने डॉ सिंह के निधन से जुड़ी ख़बर को जगह दी है.


पॉलिटिकल यात्रा के अलावा एक अर्थशास्त्री के तौर पर डॉ सिंह की पहचान ज्यादा थी. विदेशों में भी लोग उनकी इकोनॉमिक पॉलिसीज़ के कायल थे. उनके निधन पर विदेश से भी प्रतिक्रिया आ रही है. साथ ही लगभग हर विदेशी मीडिया आउटलेट ने इसे प्रमुखता सा कवर किया है. एक-एक कर के जानते हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्समनमोहन सिंह के निधन पर अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने हेडलाइन लगाई-
"Manmohan Singh, Indian Premier Who Spurred Economic Boom, Dies at 92"
यानी आर्थिक उछाल को बढ़ावा देने वाले भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन. न्यूयॉर्क टाइम्स ने आगे लिखा कि मनमोहन सिंह देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे. उन्होंने फ्री मार्केट जैसे सुधार किए जिससे भारत एक इकोनॉमिक पावरहाउस बना. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान से संबंध सुधारने की भी कोशिश की.
वाशिंगटन पोस्टवाशिंगटन पोस्ट ने मनमोहन सिंह के निधन पर खबर छापते हुए लिखा
"Manmohan Singh, Indian PM who presided over dynamic change, dies at 92"
यानी भारत में एक गतिशील परिवर्तन के नायक भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वाशिंगटन पोस्ट ने आगे लिखा कि उनकी आर्थिक नीतियों की वजह से भारत एक आर्थिक शक्ति बनकर उभरा. पर उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों से उनकी विरासत को दाग भी लगा.
ले मोंडे - फ़्रांसफ्रेंच अख़बार Le Monde ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर हेडलाइन लगाई
“India's former Prime Minister Manmohan Singh dies at age 92.”
यानी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन. ले मोंडे ने आगे लिखा कि मनमोहन सिंह ने साल 2004 से 2014 तक भारत के पीएम का पद संभाला. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में आर्थिक उछाल आया. 1932 में एक मिट्टी के बने घर में जन्मे मनमोहन सिंह का जन्म वर्तमान पाकिस्तान में हुआ था. उन्होंने अपने विशाल देश की ग़रीबी को मिटाने के लिए अर्थशास्त्र की पढ़ाई की. देश का सर्वोच्च पद संभालने से पहले वो कभी किसी निर्वाचित पद पर नहीं रहे.
द वॉल स्ट्रीट जर्नलअमेरिकी मीडिया संस्थान द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मनमोहन सिंह के निधन को कवर करते हुए लिखा
"The Architect of India's Market Reforms, Manmohan Singh, Dies at 92"
यानी भारत के बाजार में हुए सुधारों के जनक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन. द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा कि मनमोहन सिंह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री थे. उन्होंने एक साधारण शुरुआत के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने का सफर तय किया. भारत जैसा देश जहां की राजनीति बहुत ही उग्र है, उसमें भी वो एक गरिमापूर्ण आचरण के साथ खड़े रहे. 3 दशक पहले उन्हीं के प्रयासों से भारत के बाजार को दुनियाभर के लिए खोल दिया था.
रॉयटर्समीडिया संस्थान रॉयटर्स ने मनमोहन सिंह पर हेडलाइन लगाई
"Manmohan Singh, India's reluctant prime minister, dies age 92"
इस हेडलाइन का हिंदी तर्जुमा देखें तो होता है 'भारत के अनिच्छुक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन'. रॉयटर्स ने आगे लिखा कि मनमोहन सिंह को 'Reluctant King' यानी 'अनिच्छुक राजा' कहा जाता था. वो एक बहुत ही मृदुभाषी व्यक्ति थे. साथ ही उनका नाम भारत के सबसे सफल नेताओं में गिना जाता है. करोड़ों भारतीय लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का क्रेडिट मनमोहन सिंह को ही जाता है.
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